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पंकज कुमार सेन को पीएच् डी

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25 May 18
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पंकज कुमार सेन को पीएच् डी स्लेटी जंगली मुर्गा(Grey Junglefowl)एवं अरावली लाल चौखारी(Aravalli Red Spurfowl)दक्षिणी राजस्थान के पर्न पाती वनो मे पाए जाने वाले मुख्य जंगली मुर्ग़े है | अरावली लाल चौखारी यहाँ की स्थानिक (क्षेत्र विशेष)प्रजाति है जो पूरे विश्व में भारत के सिर्फदक्षिणी राजस्थान में पायी जाती है | जबकि स्लेटी जंगली मुर्गा प्राय:द्वीपीय भारत के वनों में पाया जाता है | दोनों ही जंगली मुर्ग़ेराजस्थान के दक्षिणी भाग में अच्छी संख्या में पाये जाते है| यह शोध दक्षिणी राजस्थान के चार वन्यजीव अभयारण्य माउंट आबू, सीतामाता, कुम्भलगढ़ और फुलवारी की नाल में किया गया है | वनों में इन दोनों के विभिन्न क्रियाकलापों एवं व्यवहारों का अध्ययन किया गया | शोध में पाया गया की यह एकांत में अपने झुण्ड में रहना पसंद करते है | अधिकतर ये घने जंगलो में पहाड़ो के तलहटी में लैंटाना एवं बांस कीझाड़ियो में, बड़े छायादार पेड़ो के नीचे रहना पसंद करते है | ये वातावरण के साथ अच्छा केमोफ्लेज प्रदर्शित करते है | इन्हेंदेख पाना काफी कठिन होता है | येसर्वाहारीपक्षी होते है जो कि पादपो के अत्यधिक पोषकीय भागो को खाते है | इनके पसंदीदा भोजन पके हुए बेर, बेरी-फल, कीड़े, पतियों का अपशिष्ट, चोपैयो के मलएवंगौबर पर पाये जाने वाले कीड़े है | इसके पसंदीदा पादप कुलो में मोरेसी, पोएसी और रामेनियेसी कुल प्रमुख है | ये अभयारण्य में कुछ सीमित क्षेत्रो में ही पाये जाते है| इनहे वेली क्षेत्र (निम्न भूमि) में रहना ज्यादा पसंद है और ये मानव आबादी से हमेशा दूर रहते है | इनका प्रजनन काल फरवरी से जुन के मध्य होता है तथा ये एक बार में तीन से पांच अंडे देते है | भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के अनुसार स्लेटी जंगली मुर्गा(Grey Junglefowl)शेडयुल 2 के भाग-2 एवं अरावली लाल चौखारी (Aravalli Red Spurfowl)शेडयुल 4 में आता हें | इनको मुख्य संकट शिकारियों से स्वयं की और अपने अंडो की रक्षा करना तथा जंगल की आग, मानवीय गतिविधियों से आवास की क्षति है | इनको सरंक्षित करने के लिए इसके आवास का विकास बहुत जरुरी है|


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