उदयपुर, पायडा स्थित श्री पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पायडा (आयड-केशवनगर) में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत दूसरे दिन सोमवार को सूर्योदय से पूर्व नित्य नियम पूजा की गई। फिर मंदिर से वास्तु विधान कलश आयोजन स्थल सांवलिया गार्डन लाया गया। भव्य शोभायात्र में महिलाएं केसरिया साडी में शामिल हुई वहीं हाथी, घोडे भव्य राजसी ठाट-बाट का दृ६य उत्पन्न कर रहे थे।
पद्मप्रभु जिनालय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी संजय गुडलिया ने बताया कि सुबह नित्य नियम पूजा के बाद शांति धारा अभिषेक हुआ। उसके बाद शोभायात्र से लाए गए वास्तु विधान कलश की स्थापना सांवलिया गार्डन में की गई। स्थापना समिति के महामंत्री अरविंद सकरावत ने की।
फिर मुनि प्रबलसागर ने अपने प्रवचन में कहा कि संसार में हर व्यक्ति सुखी होना चाहता है लेकिन दुखी होने से डरता है। सुख प्राप्ति का मार्ग धर्म से ही है। इससे पाप की हानि होती है। हालांकि हमें दुखों की चाहत नहीं है लेकिन दुख मिलने वाले कार्यों से भी हम दूर नहीं रह पाते तो फिर सुख कैसे मिलेगा? उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने अंदर के भावों की विशुद्धि बढती है, आत्मा पुण्य से भरती जाती है और शुद्ध आत्मा ही परमात्मा बन जाती है। मन की अशुद्धि हमें परमात्मा से दूर ले जाती है।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में एक संसार की चारों गति में भ्रमण करते हुए आत्मा कैसे परमात्मा बन सकती है। इसकी विधि दिखाई एवं बताई जाती है। पाषाण की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठित करके पूज्यता प्रदान की जाती है। भक्त से भगवान बनने की यात्र है पंचकल्याणक। पायडा नगरी अब पंचकल्याणक से पदमपुरा की तरह छोटा पदमपुरा अतिशय क्षेत्र् बनने की तैयारी में है। इससे पूर्व आचार्य अनेकांत सागर, आर्यिका सुभूषणमति माताजी एवं सकलमना धैर्यसागर ने भी आशीर्वचन दिए। सुबह मंदिर से निकली वास्तु कलश यात्र में महिलाएं केसरिया साडी एवं पुरुष श्वेत वस्त्र् धारण किए शामिल हुए। बैण्ड बाजों के साथ युवा भी थिरके।
सुबह नित्याभिषेक पूजन, विधान पूजा के बाद आचार्य श्री के प्रवचन हुए। दोपहर में वास्तु विधान कलश स्थापना व ध्वजा शुद्धि हुई। इसके बाद शाम को समाज की महिलाओं व बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। धार्मिक नाट्य मंचन एवं नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। साथ ही आचार्य प्रबल सागर की महाआरती हुई। भक्तों ने आचार्य की भव्य आरती की।
समारोह में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मुख्य संयोजक रमेशचंद्र चिबोडया, अध्यक्ष प्रकाशचंद्र अदवासिया, महामंत्री अनिल सकरावत, कोषाध्यक्ष, कमलेश चिबोडया, पद्मप्रभु दिगम्बर जैन समाज पायडा के अध्यक्ष रमेशचंद्र पद्मावत ने सहयोग दिया।
आज ः मंगलवार को नित्याभिषक पूजन, नवदेवता मण्डल विधान पूजन, नवग्रह होम, जल होम व शांति होम के बाद दोपहर में महाध्वज यात्र व ध्वज स्थापना होगी। शाम को भेडी तारण, रत्नवृष्टि व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
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पायडा स्थित पदमप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव