अलग-अलग सरकारी विद्यालयों में नमो विचार मंच के सदस्यों द्वारा बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई गई। भोजन से पूर्व बच्चों ने णमोकार मंत्र का उच्चारण किया गया बच्चो को भगवान महावीर की जीवनी सुनाई गई उसके बाद क्विज रखी गई, जिसमें सही उत्तर देने वाले बच्चों को उपहार दिया गया महावीर के 2617 वें जन्मदिवस पर 2617 ग्रामीण बच्चों को भोजन का लक्ष्य लिया गया था व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए आशीष गोयल, चिराग जैन, नीरज बत्रा, संदीप जैन, प्रिन्स जैन, पारस मालवीय, रितेश मेहता, विपिन जैन, शुभम् जैन आदि की टीमों ने सहभागिता निभाई नमो विचार मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण रतलिया ने बताया कि सरकारी अवकाशों पर सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के लिए शीघ्र सरकार से माँग की जायेगी क्योंकि दूरस्थ आदिवासी गाँवों में बच्चों को अवकाशों पर भूखे रहना पड़ता है। सुनने में यह बात बड़ी अजीब लगती है कि आजादी के 70 साल बाद भी देश में कोई बच्चा भुखा सोता होगा। परन्तु वास्तविकता जानने के लिए सरकार को जमीनी स्तर पर आदिवासी क्षेत्रों में सर्वे कराया जाना चाहिए। साथ ही भामाशाहों को भी जन-भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने बताया कि महावीर स्वामी के मुल सिद्धान्तो में से एक अपरिग्रह की पालना सभी सक्षम लोगों को करनी चाहिए और आवश्यकता से अधिक अर्जित धन को निर्धनों के हित में सदुपयोग करना चाहिए।
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