भरतपुर में 10 हजार लोगों के रोजगार पर संकट की धुंध
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14 Nov 17
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भरतपुर | दिल्लीमें छाए स्मॉग से भरतपुर के 10 हजार लोगों के रोजगार पर संकट गया है। क्योंकि इनवायरमेंट पॉल्यूशन प्रिवेंशन एंड कंट्रोल एथॉरिटी ने जिले में स्टोन क्रशर, हाट मिक्स प्लांट और ईंट भट्टों सहित कारखानों के बाॅयलरों पर रोक लगा दी है। यह सब एनसीआर में भरतपुर के शामिल होने के कारण हो रहा है, जबकि यहां प्रदूषण अलार्मिंग स्थिति में नहीं है। यानी पीएम टेन अभी खतरे से करीब 100 अंक दूर है। इसका खामियाजा रोजनदारी पर काम करने वाले श्रमिकों पर पड़ रहा है। इनकी तादाद करीब 10 हजार है। इसके अलावा इससे जुडे़ निर्माण कार्य और उनमें कार्यरत श्रमिकों पर भी संकट छा गया है, क्योंकि रोक अघोषित है। यही कारण है कि अकेले बयाना में स्टोन कटिंग की 380 यूनिट भी दो दिन से बंद पड़ी हैं। चिंता इसलिए अधिक है, क्योंकि रोक कब हटेगी इसे कोई बता नहीं सकता। क्योंकि मौसम में बदलाव हो नहीं रहा है। बल्कि हवा की गति और कम हो गई है। मसलन, तीन दिन पहले हवा की गति 2 किलोमीटर प्रतिघंटा थी, जो सेामवार को एक किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई। पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के स्मॉग को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदूषण रोकथाम के लिए बनी ईपीसीए के आदेश पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने शुक्रवार से जिले के सभी स्टोन क्रशर, ईंट भट्टों और हाट मिक्स प्लांट के संचालन पर रोक लगा रखी है। यह आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। ऐसे में कामकाज रुका पड़ा है। उल्लेखनीय है कि जिले में 110 ईंट भट्टे, 145 स्टोन क्रशर तथा 11 हाट मिक्स प्लांट हैं। इससे आगामी दिनों में आरएसआरडीसी, आरयूआईडीपी, नगर निगम, यूआईटी आदि के करीब 50 से अधिक निर्माण कार्य काम बंद हा़े जाएंगे।
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