राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर 8 अगस्त से निरन्तर चल रहे सामुहिक अवकाश के ग्यारहवें दिन गुरुवार को जिला मुख्यालय पर महासंघ के धरना स्थल पर उपस्थित वक्ताओं द्वारा सरकार की बार-बार वार्ता के उपरान्त सकारात्मक निर्णय नहीं लेने एवं वित विभाग द्वारा केबिनेट सब कमेटी को आकलन रिपोर्ट को बढाचढा कर प्रस्तुत करने का विरोध करते हुए सरकार की हठधर्मिता पर आक्रोश दिखाया तथा कर्मचारियों से आह्वान किया कि सरकार द्वारा तीन सूत्रीय मांगों पर कर्मचारी हित में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो आन्दोलन दिन बे दिन तेज किया जाएगा। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के जिलाध्यक्ष श्री मदनसिंह तंवर एवं महेन्द्र सिंह गौरवा महामंत्री नगर अध्यक्ष कांग्रेस नाथद्वारा राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की तीन सूत्रीय मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से मांग की है कि यथाशीघ्र इनकी मांगों को पूर्ण करते हुए राहत प्रदान की जाए।
महासंघ के जिलाध्यक्ष छगन पालीवाल ने कहा है कि इस अभियान को ओर गति प्रदान करनी पडे़गी तभी जाकर सरकार की नींद उड़ेगी और हमारी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने को मजबूर होगी और हमारा यह आन्दोलन सही मायने में सफल होगा। संघर्ष समिति द्वारा आज विभिन्न कार्यालयों का दौरा किया गया जिसमेें शत प्रतिशत कर्मचारियों की अनुपस्थिति पायी गयी।
आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती अन्नपूर्णा आचार्य ने अध्यक्षीय ओजस्वी भाषण में कहा कि कर्मचारियों के एकजूट रहने पर ही लक्ष्य प्राप्ति मूलमंत्र है। इस अवसर पर मंत्रालयिक कर्मचारी सुरेश जोशी, मुकेश श्रीमाली, इन्द्र सिंह, मेघराम अदारा, सोहनसिंह, गंुजन खत्री, अनिल जेकब, मनोज शर्मा, विजयसिंह राठौड़, जीवनसिंह भाटी, लादूलाल दाधीच, अवनिश भटनागर, महेन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह चौहान, अनिल पानेरी, सत्यनारायण चौबीसा, रणजीत सिंह भाटी आदि वक्ताओं द्वारा सरकार द्वारा कर्मचारी हितों पर की जा रही कुठाराघात एवं सरकार के अड़ियल रूख को लेकर विस्तार से बताया और सरकार से कनिष्ठ लिपिक की ग्रेड-पे 3600 करना, सचिवालय के समान वेतन एवं भत्ते एवं हाल ही वित्त विभाग द्वारा वेतन कटौती प्रस्ताव को वापस लेने आदि मांगों को यथाशीघ्र पूर्ण किया जाए। सभा का संचालन आशूसिंह ने किया।
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