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आकांक्षाओं और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाना सिखाता है भूटान

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26 Aug 16
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नई दिल्ली राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि भूटान सतत् विकास का एक बड़ा उदाहरण है, जो दुनिया को सिखाता है कि कैसे आकांक्षाओं और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बिठाते हुए शासन किया जाए।
श्रीमती राजे भूटान की राजधानी थिम्पू में माउण्टेन इकॉज लिटरेरी फेस्टीवल के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भूटान के भारत से हमेशा से दोस्ताना संबंध रहे हैं। प्रकृति की खुबसूरत छटाओं के बीच स्थित यह देश दुनिया के लिए आशा की एक किरण जगाता है। प्रगतिशील एवं निर्देशित शासन यहां की पहचान है। श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान एवं भूटान में कुछ समानताएं हैं। दोनों ही प्रकृति का बहुत सम्मान करते हैं। दोनों ही देश लोगों की खुशहाली एवं उनकी प्रसन्नता को विकास के पैमाने के रूप में देखते हैं।
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान का विकास मॉडल आज पूरे भारत में सराहा जा रहा है। हमारी सरकार राजस्थान के लोगों के हेप्पीनेस इण्डेक्स को ऊपर उठाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। सकल हेप्पीनेस इण्डेक्स को बढ़ावा देने की भूटान की फिलॉसोफी से भी हमारे प्रयासों का कहीं न कहीं आत्मीय कनेक्शन है। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी के मूलभूत सिद्धान्तों को ध्यान में रखते हुए समग्र शारीरिक एवं मानसिक विकास का भूटान का नजरिया आज दुनिया के दूसरे देशों को समझने, अपनाने एवं अनुकरण करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर की अंतर्राष्ट्रीय साहित्य जगत में एक अलग पहचान वहां हर साल आयोजित होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल से भी है। यह ऐसा आयोजन है जिसका हर साहित्य प्रेमी को इंतजार रहता है। भारतीय मूल के प्रसिद्ध लेखक पिको अय्यर को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य का यह उत्सव विभिन्न देशों के लोगों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने का भी माध्यम बनता है।
श्रीमती राजे ने माउण्टेन इकॉज लिट्रेचर फेस्टीवल की तारीफ करते हुए कहा कि साहित्य के इस तरह के समागम काफी अहम होते हैं। यहां दिल, मन और व्यावहारिक जीवन की बातों पर चर्चा होती है जो आर्थिक एवं व्यावसायिक मुद्दों पर आयोजित सम्मेलनों में कहीं नहीं दिखाई देतीं। उन्होंने कहा कि माउण्टेन इकॉज लिट्रेचर फेस्टीवल आज एक सिग्नेचर इवेंट बन गया है और इसके लिए फेस्टीवल के आयोजक बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटान प्राचीन ग्रंथों को संजोये रखने की अपनी परम्परा के लिए प्रसिद्ध है। आज भूटान के साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। मेरी यात्रा का उद्देश्य यहां की अच्छाईयों को आत्मसात करते हुए यहां से कुछ सीखकर अपने प्रदेश राजस्थान की खुशहाली के लिए उसे काम में लेना है।
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