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सेवा का बेहत्तर माध्यम है चिकित्सा ः डॉ. पाटिल

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24 Apr 15
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सेवा का बेहत्तर माध्यम है चिकित्सा ः डॉ. पाटिल मुम्बई-प्रतापपगढ/ ’’अहंकार मनुष्य के पतन का कारण है, विनम्रता मनुष्य की उन्नति के द्वार खोलती है। सेवा का सबसे बेहतर माध्यम है-चिकित्सा सेवा। किसी पीडित की सेवा कर उसके कस्ट दूर हो, वह स्वस्थ होकर दुआएं देता है। उससे परम संतुस्ट मिलती है। बान्द्रा के माणिक सभागृह में हूमड जैन समाज के स्नेह मिलन-समारोहको सम्बोधित करते हुए डॉ. डी.वाय. पाटिल ने ये उद्बोधन दिया।
ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा सहयोग-


डॉ. सालगिया के ड्रीम प्रोजेक्ट-प्रतापगढ चेरिटेबल हास्पीटल को अपना पूरा सहयोग देने की घोषणा करते हुए कहा - डॉ. धनपाल चेरिटी को लक्ष्य बनाकर हास्पीटल बना रहे है। हम सबका इन्हें पूरा सहयोग मिलेगा। डॉ. डी. वाय. पाटिल पूर्व में आसाम, त्र्पिुरा, मणिपुर, बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं। डॉ. डी. वाय. पाटिल शिक्षा सम्राट के रूप में देश में जाने जाते हैं। वर्तमान मे इनके 175 महाविद्यालय देश भर में संचालित हैं।
प्रतापगढ में होगा सर्वसुविधायुक्त हॉस्पीटल
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. धनपाल सालगिया ने बताया कि प्रतापगढ में आज आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाओं का बडा अभाव है, अल्प आय वर्ग के लोग अपना पूरा इलाज नहीं करा पाते, ऐसे में प्रतापगढ चेरिटेबल हास्पीटल जो आधुनिक चिकित्सा सुविधा से सम्पन्न होगा, इसमें सभी का यथा संभव सहयोग अपेक्षित है। इस पर कई प्रतापगढ प्रवासी बंधुओं ने इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट में सहयोग देने की इच्छा जताई।
अपनी राह स्वयं बनाई
देव कुमार बक्षी ने डॉ. धनपाल सालगिया की पूरी जीवनी के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि डॉ. धनपाल ने स्वयं अपनी राह खुद बनाई और आज इतनी ऊंचाइयां पाई। इनकी चिकित्सक के रूप में सेवाएं सराहनीय है। आज ये डॉ. पाटिल, अमिताभ बच्चन, गोविन्दा के फेमिली डॉ. के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। समाज सेवा के कार्यों में हमेशा ये अग्रणी रहे तथा एक माह में पिता डॉ. धनपाल और पुत्र् डॉ. कपिल को समाज ने सम्मानित किया जो एक रिकार्ड है।
समारोह के प्रारंभ में हूमड जैन समाज के अध्यक्ष रमेश चन्दनलाल शाह ने होली ढूंढ महोत्सव के सम्बन्ध में कहा-ढोल बजाती आई होली, खुशियों की शहनाई होली, मेल मिलाप सिखाने वाली, मुखडो की अरूणाई होली।
श्रीमती शोभा जय प्रकाश कोरिया ने समाज की स्मारिका तथा सचिन श्री धर खासगीवाला ने जैन युवक-युवती परिचय पुस्तिका का विमोचन किया।
प्रतापगढ के विकास की गूंज बम्बई में
समारोह में राजीव खासगीवाल ने प्रतापगढ नगर परिषद के सभापति कमलेश कांतिलाल डोशी का जीवन परिचय देते हुए प्रतापगढ नगर में हुए विकास कार्यों की सराहना की। नगर में हुई उपलब्धियों की गुंज बम्बई के सभागृह में सुनाई दी तो सभी प्रतापगढ प्रवासियों ने कमलेश को तालियों की गडगडाहट के साथ बधाइयां दी।
विकास के कदम दूर तक जायेंगे
समारोह को संबोधित करते हुए कमलेश डोशी ने कहा-होली के इस पर्व के माध्यम से आप हम सब यहां एकत्र् हुए, हम सबको एक-दूसरे के सुख दुख में भागीदार होने का अवसर मिलता है। ढूंढ, पंच, समाज, संगठन, परम्परा इन शब्दो का विशद महत्व है। नगर में जो कार्य हुए और हो रहे हैं- वो सब प्रतापगढ प्रवासियों ओर प्रतापगढ निवासियों के लिए विकास का एक एक कदम है जो बहुत दूर तक जायेगा।
अतिथियों का सम्मान
समारोह के अध्यक्ष अशोक शाह, उदयपुर, मुख्य अतिथि कन्हैयालाल जैन, विशेष अतिथि कैलाश जैन, कमलेश डोशी, मदनलाल भांचावत, ज्ञानचंद सेठ, शोभा कोरिया, सचिन खासगीवाल, का स्वागत किया गया तथा हूमड जैन समाज द्वारा सामाजिक सेवाओं के लिए डॉ. धनपाल सालगिया का समस्त अतिथियों द्वारा अभिनन्दन किया गया। डॉ. धनपाल को पगडी, माला, पहनाकर शाॅल ओढाकर सम्मानित किया गया। देव बक्षी ने अभिनन्दन पत्र् भेंट किया।
इसके बाद समाज सेवी बी. एल. जैन. सुमतिलाल गांधी, के. एम. शाह, चिरंजीलाल बक्षी, पूर्व पुलिस कमि६नर आर डी. त्यागी, सी.एच. बंडी, को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। मुम्बई के व्यवसायी दिलीप कोटिया ने प्रतापगढ से आए सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रशेखर मेहता को मोती की माला पहनाकर प्रतीक चिन्ह भेंट कर मंचपर समारोह में सम्मानित किया।
गरिमामय उपस्थिति
समारोह का संचालन गजेन्द्र तनसुखलाल गोवाडिया सचिव हूमड जैन समाज ने किया। किरीट केसरिमल सालगिया, जयप्रकाश कोरिया, अरूण मिंडा, नवीन मिंडा, दिनेश कपटी, सुरेन्द्र कुमार चांपावत, अनिल शाह, प्रवीण भाणेज, सुरेश चन्द्र मेहता, गजेन्द्र गांधी, कांति गांधी, रमिला बंडी, महेन्द्र शाह, राजीव बक्षी, महेन्द्र बंडी, शेलेश बंडी, दीपक बंडी, अशोक दोषी, संजय बक्षी, अंजु शेलेन्द्र गांधी, डॉ. कपिल सालगिया, डॉ. गौरव सालगिया, डॉ. विपिल सालगिया, महिपाल सालगिया, एडव्होकेट आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। 9 बच्चो की ढूंढ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अन्त में गुजराती हास्य नाटक वेलकम टू धमालपुर की सुन्दर प्रस्तुति हुई। प्रतापगढ के सेठिया हलवाई की बनाई रसोई का सबने आनंद लिया।
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