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छत्तीसगढ़ में की राष्ट्रपति शासन की मांग

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21 Jun 18
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने राज्य में कानून व्यवस्था को बदहाल बताते हुए कहा कि जिन कारणों का उल्लेख कर भाजपा ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ा है उन्ही आधारों पर छत्तीसगढ़ में रमन सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। श्री बघेल ने आज यहां वरिष्ठ पार्टी नेताओं धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा एवं मो.अकबर के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के तीन प्रमुख कारण सुरक्षा व्यवस्था चौपट होने, कुछ क्षेत्रों के साथ भेदभाव एवं नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के हनन बताए है, अगर इन कारणों को आधार माना जाय,तो छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है इसलिए राष्ट्रपति शासन तुरन्त लगाया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में नक्सली समस्या लगातार बढ़ी है,जबकि कांग्रेस शासनकाल में यह केवल सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित थी। इस समय राज्य के 15 जिले नक्सल प्रभावित है और कबीरधाम जिला हाल ही में इस सूची में शामिल हुआ है।उन्होने कहा कि खराब हालात का अन्दाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि देशभर में नक्सली वारदातों में सीआरपीएफ के जितने जवान शहीद हुए है उसमें आधे छत्तीसगढ़ में हुए है।नक्सलियों के नाम पर आम आदिवासियों को उत्पीडित किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि वहां महिलाओं के यौन उत्पीड़न की पुष्टि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट से हो चुकी है।बस्तर के 700 गांव खाली हो गए है।झीरम घटना की जांच तक सरकार करवाने को तैयार नही हैं। मीडिया को भी वहां काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति में काम करना पड़ रहा है।श्री बघेल एवं कांग्रेस नेताओं ने राजनीतिक उद्देश्यों के चलते विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर मुकदमें कायम करने फर्जी मामलों में फंसाने का आरोप लगाते हुए दंतेवाड़ा की कांग्रेस विधायक के खिलाफ फर्जी मामले बनाने का आरोप लगाया।
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