रीडींग मिशन 2022 की कार्ययोजनांतर्गत दिनांक 19 जुन से 18 जुलाई 2018 तक चलने वाली नेशनल रीडींग मंथ के शुभारंभ मे नेशनल डीजीटल रीडींग- डे पर नेशनल डीजीटल लाईब्रेरी के जरिये कोटा पब्लिक लाईब्रेरी के सेकडों पाठकों को जोडा गया । मुफ्त मे पढ सकेंगे पोने 2 करोड किताबें ।
नेशनल डीजीटल रीडींग- डे पर पी.एन. पाणिकर फाउण्डेशन ने आई .आई.टी खडगपुर के साथ मिलकर 1 लाख 54 हजार से अधिक डीजीटल बुक्स , जर्नल्स , तथा औडीयो बुक्स की नेशनल डीजीटल लाईब्रेरी का किया लांच । नेशनल डीजीटल रीडींग- डे पर नेशनल डीजीटल लाईब्रेरी के जरिये कोटा पब्लिक लाईब्रेरी के सेकडों पाठकों को जोडा गया । अब यह विधार्थी घर बेठे इस अध्ययन सामग्री का उपयोग 24*7 कर सकेंगे ।
यदि आपको किताबे पढने का शौक हे तो अब लाईब्रेरी के चक्कर लगाने की जरुरत नही है । देश –दुनिया से जुडी पोने दो करोड से अधिक किताबे अब आपको घर बेठे ऑनलाईन पधने को मिलेंगी । वह भी निः शुल्क रहेंगी ।सरकार ने “पढे भारत और बढे भारत” योजना को बढावा देते हुये लोगो को किताबो से जोडने की यह एक बडी पहल की है । मंगलवार (19 जुन 2018 ) से ऑनलाईन की गयी सभी किताबे नेशनल डीजीटल लाईब्रेरी पोर्टल पर सभी के लिये उपलब्ध है । इसके लिये आपको https://ndl.iitkgp.ac.in/ एनडीएल .आई आईटीकेजीपी.एसी.इन पर लॉगिन करना पडेगा ।
इसके बाद किताबो को लेखक, आख्या से आसानी से खोजा जा सकता है अभी तक यह सुविधा सिर्फ छात्रो के लिये ही थी । मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक किताबो को डीजीटल करने का यह काम डेढ साल से चल रहा था , जिसका परिणाम अब सामने आया है । किताबो के साथ शोध पत्रो को भी बडे पेमाने पर शामिलकरने की तैयारी चल रही है । मंत्रालय का मानना हे कि शोध पत्रो के ऑनलाईन होने से सबसे बडी राहत शोध के क्षेत्र मे काम कर रहे छात्रो को मिलेगी जिन्हे अभी इसकी मोटी रकम और खोजबीन मे लंबा समय देना पडता है । एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ऑनलाईन की गई इन किताबो मे साहित्य , विज्ञान , चिकित्सा, आयुर्वेद, दर्शन , संस्कृति , इतिहास सहित लगभग सभी क्षेत्रो से जुडी हुई पुस्तके हे । इनमे बडी ऐसी किताबे हे जो देश –दुनिया के कुछ पुस्तकालय मे मौजुद है ।
§ हाईलाईटस :
§ मंगलवार 19 जुन 2018 से खुला नेशनल डीजीटल लाईब्रेरी पोर्टल
§ किताबो को डीजीटल करने का काम डेढ साल से चल रहा था , आगे भी जारी रहेगा ।
§ मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर रहा शोध पत्रो को ऑनलाईन करने की तैयारी ।
§ इसमे बुक्स ,थिसिस , औडीयो लेक्चर , आर्टीकल्स , मेन्युस्क्रिप्ट , वीडीयो लेक्चर , कवेश्चन पेपर , वेब कोर्स , एनुअल रिपोर्टर इत्यादि उपलब्ध है ।
§ देश मे भाषायी विविधता को देखते हुये चार भाषाओं हिंदी , अंग्रेजी , बांग्ला एवं गुजराती भाषा मे साहित्य उपलब्ध ।
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ऍन.डी.एल. इंडिया क्या है?
नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया (ऍन.डी.एल. इंडिया) एक ऐसी डिजिटल लाइब्रेरी है जो पुस्तकों, लेखों, वीडियो, ऑडियोज़, थीसिस और विभिन्न शैक्षणिक सामग्रियों सहित अलग-अलग प्रकार की डिजिटल सामग्री के बारे में जानकारी (मेटाडाटा) को संग्रहित करती है।भारत में वर्तमान शिक्षात्मक स्तर और क्षमताओं के लिए मौजूद डिजिटल सामग्री के साथ-साथ अन्य डिजिटल स्रोतों तक एक ही मंच के माध्यम से पहुंचने के लिए यह एकल-खिड़की खोज सुविधा उपलब्ध कराता है।
ऍन.डी.एल. इंडिया से सभी को किस प्रकार लाभ मिल सकता है?
ऍन.डी.एल. इंडिया सभी प्रकार के उपयोगकर्ताओं जैसे छात्रों (सभी स्तरों), शिक्षकों, शोधकर्ताओं, पुस्तकाधिकारियों, पुस्तकालय प्रयोक्ताओं, पेशेवरों, अलग-अलग उपयोगकर्ताओं और अन्य सभी आजीवन शिक्षार्थियों लोगों के लाभ के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इतने सारे डिजिटल पुस्तकालय हैं। कैसे ऍन.डी.एल. इंडिया उनसे अलग है?
ऍन.डी.एल. इंडिया सभी डिजिटल संसाधनों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करने के लिए एकल विंडो खोज सुविधाएं प्रदान करेगा। शिक्षा स्तर, भाषा चयन, कठिनाई स्तर, मीडिया सामग्री और ऐसे अन्य कईं कारकों के आधार पर सूचनाएं निजीकृत की जा सकेंगी। जबकि अन्य डिजिटल पुस्तकालयों में इन सभी विकल्पों को शामिल नहीं किया जा सकता है। यह एक 24X7 'कस्टमाइज़ सेवा' की तरह है जो किसी एकीकृत परिवेश में एक उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुरूप है और सभी के लिए वन-स्टॉप शॉप की तरह होगी।
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