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मोदी सरकार ने अधिकारियों को नोकरशाह बनाने का लिया फैसला

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13 Jun 18
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 मोदी सरकार ने  अधिकारियों को नोकरशाह बनाने का लिया फैसला मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण जारी रखने के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिये नरेन्द्र मोदी सरकार ने निजी कम्पनियों के अधिकारियों को नोकरशाह बनाने का फैसला लिया है यह बात अनुसूचित जाति जन जाती एकता मंच के नेता लक्ष्मण बडेरा ने मोदी सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करते हुए कही बडेरा ने बताया कि 5 जून मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने अनुसूचित जाति व जन जाती को प्रमोशन में आरक्षण पर अहम फैसला देते हुए केंद सरकार से कहा जब तक संविधान पीठ अंतिम फैसला नही देती तब तक सरकार पदोन्नति में आरक्षण लागू कर सकती है इस फैसले में अनसूचित जाति व जन जाती वर्ग के अधिकारियों को प्रमोशन में आरक्षण देकर नोकरशाह बनाना था मगर सरकार दलितो को इन पदों से वंचित करने के लिए निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बगैर IAS व IPS की परीक्षा पास किये बगैर निजी कम्पनियों के अफसरों को देश के नोकरशाह बनाकर देश के एससी व एसटी व ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात किया है एकता मंच के नेता लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण नही होने के कारण इस वर्ग का प्रतिनिधित्व शून्य है ऐसे में इस वर्ग को देश के महत्वपूर्ण पदों से वंचित करने की केंद सरकार ने नई तरकीब निकालकर दलितो पिछडो व अल्पसंख्यक विरोधी होने का परिचय दिया है |
एकता मंच के नेता लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने इससे पूर्व यू जी सी में भर्ती में आरक्षण का लाभ दलितों को नही देकर विश्वासघात किया है बडेरा ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि निजी कम्पनियों के मालिकों ने अपने चतुर कम्पनी अधिकारियों के मार्फ़त देश की बेंको से लाखो करोड़ों रुपयों का लोन लेकर हजम कर लिया और कम्पनी मालिक देश छोड़कर विदेशो में भारत की जनता की गाढ़ी कमाई से मौज कर रहे है यदि इसी तरह निजी कम्पनी मालिको के वफादार देश के 10 महत्वपूर्ण विभाग वित्त , आर्थिक मामले, कृषि,सड़क परिवहन, जहाजरानी,पर्यावरण, अक्षय ऊर्जा,वाणिज्य, नागरिक उड्डयन, राजस्व, विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागो पर नियुक्ति से राष्ट्र को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है एससी एसटी वर्ग को आरक्षण का लाभ नही देना भारतीय संविधान का घोर उल्लंघन है बडेरा ने सरकार से निजी कम्पनी के अधिकारियों को नोकरशाह बनाने के आदेश तत्काल वापस लेने की मांग की अन्यथा 2 अप्रेल का दुखी दलित सरकार के खिलाफ जायेगा जिसकी मोदी सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी ।


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