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गोलाबारी के कारण 40 हजार लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर चुके

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24 May 18
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अधिकतर घरों के बाहर ताले व पाकिस्तानी गोलाबारी के निशान, बस्तियों में सन्नाटा और जो कुछ लोग अभी भी अपने इलाकों में मौजूद हैं, उनमें स्थानीय नेताओं, प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ जबरदस्त रोष व गुस्सा दिखाई देता है। यह सूरतेहाल भारत-पाक सीमा के उन पांच सेक्टरों यानी आरएसपुरा, अरनियां, रामगढ़, सांबा तथा हीरानगर में बनी हुई है। गत करीब 8-9 दिन से लगातार अथवा रुक रुक कर पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलाबारी के कारण यहां के विभिन्न सीमावर्ती गांवों से करीब 40 हजार लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर चुके हैं। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से पाकिस्तान को चेताने वाले बयान भी आ चुके हैं, बावजूद इसके पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बेबस दिखाई देता प्रशासन अब लोगों से अपने मूल घरों में न रहने की सलाह दे रहा है। बल्कि एसडीएस आरएसपुरा ने इलाकें के सभी निजी व सरकारी स्कूलों को फिलहाल आगामी 26 मई तक बंद रखने को कहा है। प्रशासन ने निजी स्कूलों को विशेष रूप से यह कडी हिदायत दी है, यदि प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन किया गया तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। बताते चलें कि जिला कठुआ, सांबा व जम्मू में करीब 500 निजी व सरकारी स्कूल हैं। जिनमें करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। पाकिस्तानी गोलाबारी के शिकार सीमांतवासियों में स्थानीय विधायकों के प्रति खासा गुस्सा देखा गया जोकि उनकी सुध तक लेने नहीं आऐ। बताते चलें कि पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे की जा रही इस गोलाबारी के कारण जहां किसान अपनी खेतीबॉंडी नहीं कर पा रहा है, वहीं स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी लगातार खराब हो रही है। सरहद से सटे अग्रिम गांवों के लोगों का आरोप है कि प्रशासन से लेकर सरकार तक पाकिस्तानी गोलाबारी के मामले में कोई ठोस कदम नहंी उठा रही है। गत कुछ दिनों के भीतर बड़ी संख्या में सीमांत लोगों की मौते तथा काफी घायल हुए हैं।
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