पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान कि ‘‘देश में मुसलमानों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है’ इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है। इस बयान को अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैरुल हसन रिजवी ने न केवल गैरजरूरी बताया है बल्कि असमय बताया है। हालांकि उपराष्ट्रपति अपने इस बयान के कारण कई अन्य संगठनों के निशाने पर हैं, दूसरी तरफ आल इंडिया मुस्लिम मजलिश मुसावरत ने केवल जरूरी बताया बल्कि सरकार के लिए चेतावनी कहा। गैरुल हसन रिजवी ने राष्ट्रीय सहारा को बताया कि उपराष्ट्रपति के इस बयान से इस बात की ज्यादा संभावना है कि मुसलमानों मे डर का भाव पैदा हो। इस बयान के माध्यम से उनमें डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
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