पिछले 15 वर्षो में उत्तर मध्य भारत में मानसून मजबूत हुआ है। यह अध्ययन उत्तर मध्य भारत में पिछले एक दशक में कम बारिश होने की सामान्य धारणा से उलट संकेत देता है। (एमआईटी) में ‘‘सेंटर फॉर ग्लोबल चेंज साइंस’ के ‘‘डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ’, ‘‘एटमॉसफेरिक एंड प्लैनेटरी साइंसेज’ में एक वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक चेन वांग ने क्विनजीआन जिन के साथ मिल कर भारतीय मानसून पर ज्वाइंट प्रोग्राम ‘‘ऑन ग्लोबल चेंज ऑफ साइंस एंड पॉलिसी’ के तहत एक शोध किया है जो बुधवार को ‘‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में प्रकाशित हुआ था। अध्ययन में कहा गया है कि मॉनसून की बढ़ती गतिविधि ने 50 साल की सूखे की अवधि को बदल दिया है। इस अवधि के दौरान उत्तरी और मध्य भारत में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है। वांग ने कहा कि लोगों को लगता है कि वे भारतीय मॉनसून के बारे में बहुत कुछ जानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। इसमें हमने उस गतिविधि की पहचान की है जो मुख्य रूप से अनदेखी रही है।
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