चार साल पुराने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार का ध्यान संघीय सहकारिता के संवैधानिक दायित्व की ओर खींचा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद द्वारा पारित एक अहम कानून को अमली जामा नहीं पहनाने से समाज का सबसे निचले स्तर का व्यक्ति प्रभावित हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस साल के अंत तक हर राज्य में खाद्य आयोग का गठन किया जाए। हर जिले में जनशिकायत अधिकारी नियुक्त किया जाए, ताकि वंचित वर्ग को दो जून की रोटी के लिए लाया गया कानून निर्थक न हो जाए।जस्टिस मदन लोकुर और एनवी रमण की बेंच ने देश के प्रमुख समाजशास्त्री योगेंद्र यादव की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने का आदेश दिया। यादव के नेतृत्व वाले स्वराज अभियान ने खाद्य सुरक्षा कानून लागू न होने पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह संसद द्वारा पारित कानून को सम्मान प्रदान करे और राज्य सरकारों को नियमावली तैयार करने का निर्देश दे।
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