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रेलवे 'रेल टिकट' कैंसलेशन के नाम पर जनता की मेहनत की कमाई लूटना बंद करे

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24 Apr 17
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रेलवे 'रेल टिकट' कैंसलेशन के नाम पर जनता की मेहनत की कमाई लूटना बंद करे मुंबई । रेलवे 'रेल टिकट' कैंसलेशन के नाम पर जनता की मेहनत की कमाई लूट रही है। २४० से लेकर ६० रुपए तक तो वेटिंग 'रेल टिकट' कैंसलेशन के चार्ज है,जोकि ४ महीने तक जनता के मेहनत का पैसा रेलवे उपयोग करती है और बाद में भी टिकट वेटिंग होने पर उसमे भी पैसा काट लेती है। उसके बाद भी वेटिंग टिकट कैंसल करने में टाइम के हिसाब से वापस ना कर पाने पर २५ %,५० % या १०० प्रतिशत काट लेती है। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान खासकर काउंटर टिकट निकालने वाली अशिक्षित गरीब जनता का हो रहा है, जिसे पढ़ना लिखना नहीं आता है। और जब जनता काउंटर से वेटिंग टिकट लेगी तो चार्ट बनने तक जरूर इंतज़ार करेगी और यदि चार्ट बनने के बाद वेटिंग टिकट कैंसिल करेगी तो उसका ५० प्रतिशत जरूर कट जाएगा। और इसतरह रेलवे हर काउंटर वेटिंग टिकट वालों को लूट रही है। यानि जनता का पैसा ४ महीने इस्तेमाल रेलवे कर रही है और उसके बाद चार्ट बनने तक इंतज़ार करने पर टिकट का ५० प्रतिशत भी काट लेगी और यदि आप दूरदराज़ गांव या दूर शहर में रहते है और स्टेशन पहुंचने में देर होगी और ट्रेन छूटने का टाइम हो गया तो टिकट का १०० प्रतिशत डूब जायगा। यानि आप ४ महीने पहले रेलवे को पैसा देकर वेटिंग टिकट ले लो और टिकट वेटिंग रह गया और ट्रेन छूटने के समय वापस करने पहुंचे तो बिना यात्रा किये, बिना रिजर्वेशन मिले आपके पैसे डूब जाएगा।रेलवे केवल जनता को लूट रही है और सुविधा कम कर रही है। ऐसा आरोप 'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.कलामुद्दीन मंसूरी ने सरकार और रेलवे पर लगाया है।

मो.कलामुद्दीन मंसूरी आगे बताया जोकि अभी हाल में एक व्यक्ति ने परिवार के साथ जाने के लिए 5 लोगों का वेटिंग टिकट ले लिया और वी आई पी लगवाया और एक ही टिकट कन्फर्म हुआ और वह टिकट कैंसिल करवाने गया तो पता चला कि उसमें से एक भी टिकट कैंसल नहीं हो सकता है और ना ही रिफंड मिलेगा और उसका पूरा पैसा डूब गया। आखिर यह कहा का न्याय है? क्या एक टिकट पर सभी आराम से यात्रा कर सकते है ? यह नियम बदलना चाहिए।

'सहयोग ब्रॉडगेज प्रवासी ट्रस्ट' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.कलामुद्दीन मंसूरी कहते है," रेलमन्त्री सुरेश प्रभु यह कभी नहीं कहते है कि रेलवे को भ्रष्टाचार मुक्त या दलालों से मुक्त करेंगे। रेल मंत्रालय के और नेताओं के इतने ज्यादा वी आई पी कोटा आजकल लगता है कि रेलवे कर्मचारियोँ को यात्रा करना मुश्किल हो रहा है। रेलमंत्री से निवेदन है कि रेलवे को भ्रष्टाचार मुक्त,दलालों से मुक्त करे और जनता को लूटने वाले सारे नियम को बदला जाय। खासकर के काउंटर वेटिंग टिकट कैंसल करने का समय ट्रेन जाने के २ घंटे के बाद तक का किया जाय। क्युकी लास्ट समय तक लोग ट्रेन में सफर करने की कोशिश करते है और कई बार काऊंटर पर काफी भीड़ होती है और लोगों का नंबर आने तक समय सीमा समाप्त हो जाती है और टिकट का पूरा पैसा डूब जाता है। और यह वही जनता है जो गरीब है और उनको पढ़ना लिखना नहीं आता है और वही काउंटर टिकट लेते है। रेलवे जनता के खून पसीने की कमाई लूटना बंद करे।
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