असम के खानपाडा मैदान में दो दिवसीय असम सर्व धर्म स्वच्छता एवं सद्भावना संवाद शिखर सम्मलेन का सफल आयोजन यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग एवं असम के मुख्य मंत्री श्री सर्वानन्द सोनोवाल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस के सह संस्थापक स्वामी चिदानंद सरस्वती, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक एवं प्रख्यात जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि, शंकराचार्य दिव्यानंद तीर्थ, जमात ए हिन्द के मोहम्मद ए. मदनी, पेयजल एवं स्वच्छता केन्द्रीय राज्य मंत्री असम श्री रमेश जिगजिनागी, पी. एच.ई.डी. मंत्री रिबन डेमरी, लामा लोब्ज़न्ग्जी, डा. रोगर, यूनिसेफ के अधिकारी, अनेक संतों, राज नेताओं, असम के हजारों ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों एवं गणमान्य व्यक्तियों की सहभागिता से हुआ|
असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी धरती को स्वच्छता पसंद है, उन्होंने स्वच्छता संकल्प को असम से आसमान तक पहुँचाने का आह्वान किया और कहा कि आज भारत के प्रत्येक क्षेत्र को आसमान छूना है और इसके लिए शौचालय का होना बहुत जरूरी है |
आचार्य लोकेश मुनि ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता हमारा धर्म हो अस्वच्छता का अर्थ है बीमारी और दरिद्रता को निमंत्रण| जिससे हमारा आन्तरिक और बाह्य दोनों पर्यावरण नष्ट होता है| उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं साधना के लिए आन्तरिक और बाह्य शुद्धि जरूरी| स्वच्छता के बिना न तो धर्म हो सकता है और न ही आध्यात्मिकता| समाज के प्रति हमारा सर्वोच्च दायित्व है कि हम सब इन सामाजिक चुनौतियों का सामना करें| इन चुनौतियों में वाटर, सैनिटेशन एवं हाइजीन की समस्या सबसे जटिल है| उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण से वैचारिक प्रदूषण अधिक खतरनाक है| हमें दूसरों की संस्कृति व विचारों का सम्मान करना चाहिए|
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि इस संवाद सम्मलेन के आयोजन का उद्देश्य असम सरकार को अक्टूबर 2017 तक खुले में शौच से मुक्त करने की मुहिम में स्थानीय धर्मगुरुओं एवं परिवारों को शामिल करने एवं उन्हें स्वच्छता के प्रति प्रेरित करने के लिए किया गया, ताकि ‘स्वच्छ असम- स्वच्छ भारत’ मिशन को प्रोत्साहित किया जा सके| इस अवसर पर मोहम्मद ए. मदनी एवं श्री रमेश जिगजिनागी ने भी अपने विचार व्यक्त किये |
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