नई दिल्ली | समान रैंक पर समान पेंशन के मुद्दे के बाद अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर भी सैन्य बलों में नाराजगी है। इनका मानना है कि बेहद कठिन सेवा शर्तो के बावजूद उन्हें अन्य सेवाओं की बराबरी तक में नहीं लाया गया है। इसी तरह उनको संसद में तय प्रावधानों के अनुरूप ‘वन रैंक वन पेंशन’ तो मिला नहीं, मगर सभी कर्मियों को इसकी सुविधा देने की सिफारिश कर दी गई है। आयोग की ओर से विकलांगता पेंशन की व्यवस्था को ले कर उठाए गए सवाल से भी सैन्य अधिकारी व्यथित हैं। 1सैन्य बलों के विभिन्न स्तर पर कार्यरत और सेवानिवृत्त लोग वेतन आयोग को ले कर असंतोष जता रहे हैं। इनका कहना है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ को ले कर सैन्य बलों ने पिछले चार दशक से आंदोलन किया क्योंकि सैन्य बलों से अधिकांश व्यक्ति बहुत कम उम्र में ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में उनके और उनके परिवार वालों के सामने कई चुनौतियां होती हैं। साथ ही ये कहते हैं कि अगर अन्य सेवाओं को बराबरी में लाया जा रहा है तो सैन्य बलों में कार्यरत लोगों को भी 60 वर्ष तक सेवा में रहने का मौका दिया जाए।