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आनन्दपाल की फरारी में बड़े षड़्यन्त्र की बू,

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05 Sep 15
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जयपुर, पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि दुर्दान्त अपराधी आनन्दपाल सिंह के भागने की घटना में किसी बड़े षड़्यन्त्र की बू आ रही है। गत वर्ष जून में राज्य के एक केबिनेट मंत्री का बीकानेर जेल में जाकर उससे मिलना, अगले ही माह जेल में उसकी विरोधी गुट से गैंगवार होना (जिसमें तीन लोग मरे) और कल उसकी फरारी की घटना एक-दूसरे से संबंधित प्रतीत हो रही हैं। इस पूरे मामले से सरकार के निकम्मेपन की पोल खुलती है।
श्री गहलोत ने आज यहां एक बयान में कहा कि एक केबिनेट मंत्री के बीकानेर जेल में जाकर आनन्दपाल से मिलने और वहां हुए गैंगवार की घटना की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों को सजा देने का काम अगर राज्य सरकार तत्काल करती तो कल की घटना की नौबत ही नहीं आती। उन्होंने कहा कि आनन्दपाल सिंह व उसके दो साथियों का कल सरेआम पुलिस कस्टडी से फरार हो जाना राज्य की कानून-व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न-चिह्न लगाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सुनियोजित प्रयास के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय आनन्दपाल सिंह व उसके साथियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। उसके परिणामस्वरूप राज्य में गैंगवार की घटनाएं कमजोर पड़ गई थी। लेकिन भाजपा सरकार बनते ही अपराधियों के हौसले फिर से बुलन्द हो गये। इसी का नतीजा है कि गैंगवार व जेल/पुलिस अभिरक्षा से अपराधियों के भागने की घटनाएं बढ़ने लगी।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि पिछले कार्यकाल की तरह इस बार भी गृहमंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया पूरी तरह से निरीह नजर आ रहे हैं। वास्तव में उनका अपने विभाग से नियन्त्रण पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
श्री गहलोत ने कहा कि आनन्दपाल सिंह द्वारा जेल से ही धमकी देने, मोबाईल का लगातार प्रयोग करने, यहां तक कि फेसबुक अपडेट करने की खबरें तक मीडिया में लगातार आ रही थी, उसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा इस पर नियन्त्रण लगाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
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