नई दिल्ली । जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सड़क सुरक्षा पर गठित समिति ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। समिति ने कहा है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या खतरनाक ढंग से बढ़ रही है और सख्त उपायों के बगैर इन पर अंकुश लगना मुश्किल है। लिहाजा पहली सितंबर से देश भर में यातायात नियमों के चार सबसे आम उल्लंघनों पर ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जब्त करने से लेकर जेल की हवा खिलाने तक की कार्रवाई शुरू कर दी जाए।
इन उल्लंघनों में निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार पर गाड़ी चलाना, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करना, शराब या नशीली दवाओं (ड्रग्स) का सेवन कर गाड़ी चलाना व वाहन पर निर्धारित क्षमता से अधिक सामान या सवारी ढोना (ओवरलोडिंग) शामिल है। समिति ने शराब या नशीली दवा के प्रभाव में वाहन चलाने वालों पर पहली बार पकड़े जाने पर भी किसी प्रकार की रियायत न बरतने की ताकीद की है। उसका निर्देश है कि ऐसे उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ कर जेल में डाला जाए और उन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के तहत मुकदमा चलाया जाए।
समिति ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 19 व केंद्रीय मोटर नियमावली, 1989 के नियम 21 के तहत न केवल निश्चित अवधि के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने, बल्कि उन्हें जेल में डालने के संबंध में संबंधित विभागों से आदेश जारी करवाएं।