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3500 पॉजिटिव मरीज टैटू गुदवाने के चलन से

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28 Jul 15
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भोपाल | युवाओं में टैटू बनवाने और कान, नाक में बाली पहनने का चलन तेजी से बढ़ा है। युवाओं की यह पसंद उन्हें हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण दे रही है। भोपाल में हेपेटाइटिस बी और सी के नए मिलने वाले 3500 पॉजिटिव मरीजों में 50 प्रतिशत को टैटू बनाने और नाक, कान छेदने में उपयोग की गई सुई से संक्रमण हो रहा है। यह खुलासा सोमवार को लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार ने किया। वे 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण पर मीडिया से बात कर रहे थे। डॉ. कुमार ने बताया कि स्थाई टैटू बनाने वाले अधिकांश पेडीक्योर, एक्यूपंक्चर, नुकीली सुईयों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें ऑपरेटर्स नहीं बदलते। इस दौरान कई ऐसे व्यक्ति टैटू बनवा लेते हैं, जिन्हें हेपेटाइटिस का संक्रमण होता है। इन सुईयों का उपयोग स्वस्थ व्यक्ति को टैटू बनाने या पिअरसिंग, पेडीक्योर में करने पर संबंधित को भी हेपेटाइटिस बी या सी का संक्रमण हो जाता है।


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