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नामचर्चा में हजारों की संख्या में पहुंची साध-संगत

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23 Jul 18
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नामचर्चा में हजारों की संख्या में पहुंची साध-संगत कोटा(डॉ.प्रभात कुमार सिंघल)| डेरा सच्चा सौदा आश्रम बूंदी रोड कोटा पर रविवार को स्पेशल नामचर्चा आयोजित की गई। लगातार बरसात होने के बाद भी बिना परवाह किये आश्रम पर हजारों की संख्या में साध-संगत उमड पडी।डेरा सच्चा सौदा सिरसा आश्रम से आये सेवादार भाईयों ने कहा कि गुरूजी द्वारा प्रारंभ किये गये 133 सेवा कार्य साध-संगत के सहयोग से वापस प्रारंभ कर दिये गये हैं, जो अनवरत जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि गुरूजी ने हमें जो पाठ पढाया है भ्रूण हत्या रोकने, सफाई कार्य करने, निरक्षरता दूर करने, गरीबों की मदद करने, रक्तदान करने, उपचार करवाने, पौधारोपण करने, गरीबों के मकान बनाने, गरीब लडकियों की पढाई करवाने एवं उनके विवाह में आर्थिक सहयोग करने, पशुओं की देखभाल करने आदि का फैसला लिया जिस पर साध-संगत ने हाथ खडा करके संकल्प दोहराया।
सेवादार राजेन्द्र सिंह हाडा ने बताया कि इस मौके पर डेरा सच्चा सौदा कोटा की साध-संगत ने एकजुटता का संकल्प दोहराया तथा अपने सतगुरू पर विश्वास व्यक्त किया कि कोई ताकत हमें डेरा सच्चा सौदा एवं अपने गुरूजी से अलग नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देते हुए लगातार मानवता भलाई के कार्यों में लगे रहना ही सेवादार का कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि जब से डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ लोगों ने आरोप लगाना एवं दुष्प्रचार करना प्रारंभ किया है उसके बाद से साध-संगत कम होने की बजाए लगातार बढ रही है। यह सब अपने सतगुरू के प्रति प्र्रेम की निशानी और उसकी रहमत ही है। उन्होंने कहा कि आज कोटा में लगातार बरसात होने के बाद भी हजारों की तादाद में साध-संगत का इकट्ठा होना इसी बात का प्रमाण है। यही नहीं आश्रम पर प्रत्येक रविवार को होने वाली नाम चर्चा में बडी तादाद में अनुयायी आते हैं तथा शहर में 10 स्थानों पर नाम चर्चा होते रहना अपने सतगुरू की प्रति प्रेम की निशानी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सेवा के मामले में कोटा आश्रम अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने कहा गुरूजी द्वारा प्रारंभ किये गये मानवता भलाइर्, सेवा एवं सिमरन जारी रखना है। इस मौके पर सभी ने सेवा कार्य करते रहने का संकल्प भी दोहराया।
सेवादार ने बताया कि सिरसा मुख्य आश्रम में अनुयायियों की पहले की तरह साध-संगत का हुजूम उमडने लगा है। वहां पर प्रतिदिन नामचर्चाएं होने लगी है तथा सेवा कार्य बाकायदा पूर्व की भांति प्रारंभ कर दिये गये हैं। इस अवसर पर गुरूजी द्वारा साध-संगत के लिए भेजे गये संदेश भी सुनाये गये।


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