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स्टाम्प विक्रेताओं पर रोजी रोटी का संकट

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20 Jul 18
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कोटा(डॉ.प्रभात कुमार सिंघल)| राजस्थान में ई मित्र से जुड़े ,ई स्टाम्प विक्रेताओं पर ,,सरकार का उक्त स्टाम्पों की बिक्री के लिए अनुबंधित कम्पनी से 21 जुलाई को अनुबंध खत्म होने के कारण तात्कालिक रूप से अग्रिम व्यवस्था होने तक रोज़ी रोटी का संकट खड़ा होने की संभावना से सभी ई मित्र संचालक जिनके पास ई स्टाम्प लाइसेंस है उनकी नींद हराम होने लगी है।एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,एडवोकेट रघुनंदन गौतम सहित कई बुद्धिजीवियों ने कोटा जिला कलेक्टर सहित सरकार के सभी प्रतिनिधियों से इस गंभीर समस्या का समय के पूर्व समाधान करने की मांग उठाई है ।
एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया कि राजस्थान में 22 जुलाई 2011 को ई स्टाम्प विक्रय व्यवस्था लागु की गयी ,थी लेकिन स्टाम्प विक्रेता लाइसेंस धारियों को मेनुअल स्टाम्प भी दिए जा रहे थे ,उक्त स्टाम्प बिक्री पर स्टाम्प लाइसेंसधारक को औसत एक प्रतिशत तक कमीशन मिल जाता था। अब ई स्टाम्प व्यवस्था लागू होने से इन लोगो का कमीशन घटकर सिर्फ .001प्रतिशत रह गया है ,जो मुनाफा है वोह बिचौलिया संस्था लेती रही है ।
उन्होंने बताया पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने ई स्टाम्प के फायदे गिनाते हुए ई मित्र संचालकों को स्टाम्प लाइसेंस मेनुएल के स्थान पर ई स्टाम्प विक्रय के लाइसेंस दिए ,और कम्पनी विक्रेता से इनकी ऑन लाइन खरीद होने लगी जनवरी 2018 से लगातार सैकड़ों लाइसेंसधारियों ने आम जनता के समक्ष उक्त व्यवस्था का प्रचार प्रसार किया ।समझाइश कर उन्हें ई स्टाम्प पर ही अपना कार्य करवाने के लिए कहा ,,कम्पनी जो इस स्टाम्प की अनुबंधित सरकार की बिचौलिया है उसके खाते में अग्रिम राशि भी जमा करवाई ।मुनाफा कमीशन का हक़ भी त्यागा ।
राजस्थान सरकार अब उक्त बिचौलिया कम्पनी का लाइसेंस अनुंबध रिनिवल नहीं कर पा रही है इसीलिए राजस्थान भर में 21 जुलाई से यह अनुंबन्ध नहीं होने से ,स्टाम्प विक्रेताओं के समक्ष अचानक रोज़ी रोटी का संकट खड़ा होगा क्योंकि यह ई स्टाम्प विक्रेता लाइसेंसधारी मेनुअल स्टाम्प की बिक्री नहीं कर सकते इनके पास स्टाम्प बेचने के लिए दिए भी नहीं गए है ,सिर्फ टारगेट ही दिए जाते रहे है ।
उन्होंने बताया सरकार के आंकडो के मुताबिक ई स्टाम्प सुविधा राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर एवम् जोधपुर, सभी 33 ज़िलों के 484उप पंजीयक कार्यालय,1370 एसीसी स्टाम्प वेंडर्स एवम्128 बैंक शाखाएं कवर करतें है जहां यह व्यवस्था लागू है।सरकार ने स्टाम्प बिक्री को लेकर 2018 में 4050 करोड़ का टारगेट रखा था जबकि 2019 में यह टारगेट 4250 करोड़ है ।
कोटा में भी दो दर्जन ई मित्र संचालक इस अव्यवस्था से प्रभावित होंगे ।कोटा ई मित्र संचालको की सरकार से मांग है के उक्त व्यवस्था को या तो यथावत रखा जाए ।अगर यह व्यवस्था खत्म हो रही है तो उनकी राशि जो बिचौलिया कम्पनी में जमा है ,21 जुलाई के पहले वापस दिलवाकर उनके लाइसेंस मेनुअल स्टाम्प बिक्री में बदले जाए और उन्हें तुरंत स्टाम्प भी उपलब्ध कराये ,ताकि उनके परिवार के समक्ष रोज़ी रोटी का संकट खड़ा न हो । स्टाम्प विक्रय मामले में विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने निकटतम क्षेत्र में जो स्टाम्प सुविधा मिल रही है ,वोह उन्हें यथावत अगर नहीं मिली तो आम जनता को भी इस अव्यवस्था के कारण परेशानी होगी ।
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