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बढ़ाया शास्त्रीय नृत्य कला में कोटा का मान

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20 May 18
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बढ़ाया शास्त्रीय नृत्य कला में कोटा का मान
के डी अब्बासी/कोटा, मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में त्रिदिवसीय किंकिणी कीर्तन राष्ट्रीय नृत्योत्सव 2018 का आयोजन पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल ,कालिदास संस्कृत अकादमी में सम्पन्न हुआ। जिसमें एक ही मंच पर 38 कलाकारों ने जयपुर घराने का शुद्ध कथक प्रस्तुत किया। इसमें कोटा की बेटियों ने शानदार प्रस्तुति देते हुए सात वर्षिय बालिका लावण्या त्रिपाठी ने शास्त्रीय कथक नृत्य में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं निहारिका सिंह चैहान ने उप शास्त्रीय कथक नृत्य में द्वितीय स्थान प्राप्त कर कोटा शहर का नाम देशभर में रोशन किया।
साधना संगीत संस्थान की निर्देशिका एवं कथक गुरु शशि सक्सेना ने बताया कि उज्जैन में प्रतिभा कला संस्थान की और से आयोजित राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव कार्यक्रम में नृत्योत्सव के अन्तर्गत राष्ट्रीय शास्त्रीय कथक नृत्य एव उप शास्त्रिय नृत्य का प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें कोटा के अलावा दिल्ली, मुम्बई पूणे, हरिद्वार, नागपुर, जबलपूर, इंदोर सहित विभन्न राज्यों के 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें 40 नृत्यांगनाओं जयपुर घराने का शुद्ध कथक नृत्य की प्रस्तुति से सब को रोमांचित कर दिया। प्रतियोगिता में कोटा की तीन नृत्यांगनाओं ने भाग लिया जिसमें सात साल की बालिका लावणिया त्रिपाठी प्रथम व निहारिका सिंह चैहान (15) द्वितीय स्थान पर रही। जिन्हें पंडित राजेन्द्र गंगानी कथक नृत्य अलंकरण 2018 एवं जयपुर की नृत्यांगना डाॅ. शशि संाखला द्वारा स्मृति चिन्ह व पदक देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी नृत्यांगनाओं का सम्मान व पुरूस्कार समरोह आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रकाष रघुवंशी पं. हीरालाल जौहरी, पं. श्रीधर व्यास, वरदा मयंक बेडेकर, अर्चना संजय उपस्थित रहे।
निहारिका चैहान कोटा में सीखा रही है बच्चों को कथक नृत्य के गुर
उज्जैन में आयोजित किंकिणी कीर्तन राष्ट्रीय नृत्योत्सव 2018 में कोटा का में द्वितीय स्थान पर रही 15 वर्षिय बालिका निहारिका सिंह चैहान की बचपन से ही कथक नृत्य के रूचि थी। इस दौरान उसमें कई कार्यक्रमों में अपने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति से कई अर्वाड अपने नाम किए । इन दिनों निहारिका चैहान मोदी काॅलेज में आयोजित समर कैम्प में बच्चों को कथक नृत्य की शिक्षा दे रही है जहां 20 से ज्यादा बच्चे कथक के गुर सीख रहे है। कोटा शहर में ऐसी कई प्रतिभाए छुपि हुई है जिन्हें उचित मंच उपलब्ध होने पर वो कोटा शहर का नाम देशभर में रोशन कर सकती है।
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