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बूंदी चित्रशैली बनेगी रोज़गार का माध्यम - डॉ.प्रभात कुमार सिंघल

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14 Mar 18
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बूंदी चित्रशैली बनेगी रोज़गार का माध्यम - डॉ.प्रभात कुमार सिंघल युवाओं को प्रशिक्षित हेतु तैयार किया पाठ्यक्रम
कलेक्टर शिवांगी की अनुपम पहल
कोटा ,डॉ.प्रभात कुमार सिंघल/ विश्व में प्रसिद्ध बूंदी चित्र शैली अब युवाओं के लिए रोज़गार का माध्यम बनेगी।इस के लिए कलेक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने अनुपम पहल कर एक पाठ्यक्रम तैयार कराया है। चित्रशैली को बढ़ावा भी मिलेगा और प्रशिक्षण प्राप्त कर योवाओं को रोज़गार भी।
जिला कलेक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने बूंदी चित्रशैली को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और इसे अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में पहल करते हुए बूंदी चित्रशैली को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम- आरएसएलडीसी के माध्यम से युवाओं को निशुल्क अथवा अत्यल्प शुल्क में प्रशिक्षण दिया जाए और प्रशिक्षित युवा इसके जरिये रोजगार के अवसर भी पा सकें। इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसके लिए बूंदी चित्रशैली से जुड़ी ख्यातनाम संस्था बूंदी ब्रश को जिम्मा सौंपा गया है। 45 दिन का पाठ्यक्रम तैयार बूंदी ब्रश संस्था के संरक्षक नंदप्रकाश शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार संस्था द्वारा 45 दिन का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम संस्था के संरक्षक मंडल सदस्य स्वयं नंदप्रकाश शर्मा, सुनील जांगिड़, डॉ. युवराज सिंह, पंकज सिसोदिया ने तैयार किया है। जिसमें बूंदी चित्रकला का ऐतिहासिक पक्ष, इसकी विशिष्टताएं, अन्य शैलियों से तुलनात्मक भिन्नताएं, शैली, विषय वस्तु एवं रंग संयोजन आदि सभी पक्षों को विवरणात्मक एवं प्रयोगात्मक तौर पर समाहित किया गया है। प्रायोगिक पक्ष का भाग अधिक है। उन्होंने बताया कि संस्था ने पाठ्यक्रम तैयार कर प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे जिला कलक्टर के माध्यम से आरएसएलडीसी को प्रेषित किया जायेगा।
जिला प्रशासन द्वारा सर्विस ऑन कॉल बून्दीÓ मोबाइल एप गत दिनों तैयार किया गया है ।चित्रकला में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को भी मोबाइल एप से जोड कर उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। इस एप से अब तक 300 युवा आरएसएलडीसी के माध्यम से जुड़ चुके हैं। डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
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