GMCH STORIES

दिवा संगम के1000 वें सत्र के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन

( Read 4292 Times)

16 Jul 18
Share |
Print This Page
दिवा संगम के1000 वें सत्र के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन कोटा| श्री करनी नगर विकास समिति के झालावाड़ रोड़ स्थित आश्रय भवन में आज दिवा संगम के , 1000 वें सत्र के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संस्था संयोजक श्री प्रवीण भंडारी ने बताया कि स्व. श्री प्रेमचंद जी विजयवर्गीय ने दिवा संगम की नींव रखी थी ताकि नगर के बृद्धिजीवी लोगो को एक ऐसा मंच मिले जिससे विविध विषयों पर चर्चा हो और ज्ञान अर्जित हो सके। डाॅ. गिरीश माथुर ने बताया कि इस कार्यक्रम से जुडे व्यक्तियों को अत्यधिक लाभ मिला इसमे कला, साहित्य, इतिहास, समाजिक काव्य गोष्ठी के विषयों को लिया जाता है। आगे उन्होनें बताया कि इस कार्यक्रम में डाॅ. के.एस. राजोरा का महान योगदान रहा है वे निंरतर इस कार्यक्रम को चलाए रखने में सतत् प्रयत्नशील रहते है। आपने इस कार्यक्रम को चलाये रखने में सम्पूर्ण सहयोग की कामना की। स्थायी लोग अदालत कोटा के सदस्य डाॅ. अरूण शर्मा ने बताया कि दिवा संगम में अधिकाधिक समाजपयोगी विषयों पर चर्चा होती रही है इसकी निरंतरता बहुत बढ़ी उपलब्धी रही है यह संस्था कोटा को एक ईश्वरीय आर्शिवाद के रूप में मिली है जिससे कोटा के लोगो को इससे बहुत कुछ लाभ मिलता रहें। प्रो. श्री गोपाल सिंह ने बताया कि दिवा सगंम में आने वाले को बुलाया नही जाता स्वंय ही यहाॅ आकर चर्चा करते है यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। श्री रामस्वरूप जोशी ने 20 वर्षो से अनवरत चलने वाले इस कार्यक्रम के एक हजार एपिसोड़ पूरे होनें पर उज्जवल भविष्य की शुभकामना की। इस कार्यक्रम में प्रांरभ से विश्वविद्यालय के कई कुलपति, कई न्यायाधीश, प्राध्यापकगण, प्राचार्यगण, एड़वाकेट, संतजन आदि सभी ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में श्री चंद्र सिंह, श्री रंगलाल मेहता, श्री धीर साहब, श्री बनवारी लाल, नरेन्द्र सिंह, श्री बी.के. शुक्ला इत्यदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा अन्य लोगो से भी जुड़ने की आशा व्यक्त की। संस्था संयोजिका प्रसन्न भण्डारी ने दिवा संगम को भी आर्शिवाद प्रदान किया और इसकी निरंतरता बनाये रखने की शुभकामना दी। समिति के अध्यक्ष सी.एम. सक्सेना ने बताया कि श्री करनी नगर विकास समिति से जुड़कर में अपने आपको भाग्यशाली मानता हॅू। दिवा संगम के कार्यक्रमों में भागीदार बनने से विविध प्रकार का ज्ञान मिलता है। प्रो. हरि मोहन शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ दिवा संगम को आगे भी निंरतर चलाये रखने के लिए सदस्यों से अनुरोध किया है।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Kota News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like