सिरोही। (महावीर जैन) श्री पावापुरी तीर्थ जीव मैत्री धाम में सोमवार को गच्छाधिपति आचार्य हेमप्रभसूरीष्वर जी म. सा. के साथ तीन आचार्य भगवंतो व २७ साधु साध्वियो के आगमन पर पावापुरी ट्रस्ट मंडल की ओर से उनका मुख्य द्वार पर सामैया व गुणी कर अक्षत से गाजते बाजते वधामणा किया गया।
ट्रस्ट के ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि कई वर्शो बाद गच्छाधिपति एवं उनके साथ आचार्य अनंतभद्रसूरी, आचार्य ललितप्रभसूरी एवं आचार्य अर्हमप्रभसूरी पावापुरी पधारे। उनके साथ आए समस्त साधु साध्वियों ने मंदिर दर्षन के बाद मांगलिक सुनाया व दोपहर मे गौषाला, आर्ट गेलेरी, राषि नक्षत्र वाटिका, सरस्वती मंदिर एवं पुस्तकालय का अवलोकन कर कहा कि के पी संघवी परिवार ने एक ऐसा तीर्थ एवं जीवदया का धाम खडा किया है जिसे देखने वाले अपने दिल मे स्थान देते है ओर आने वाले यात्रीगण जैनषासन मे त्याग, तपस्या, आराधना एवं जीवदया के महत्व को समझने व उस पर चलने की प्रेरणा लेकर जाते हैं।
आचार्य श्री ललितप्रभसूरी ने कहा कि आर्ट गेलेरी मे जो १०८ हस्त पेंटिग भामाषाह व चित्रकार सौरभ भंसाली मुंबई ने भेट की है वो वास्तव मे अदभुत है जिसको निहारने के लिए आंखे तरसती है इतनी सुंदर पेटिंग देष मे ओर कही देखने को मिलना मुष्किल है। चित्रकार ने एक से बढकर एक पेटिंग बनाकर प्राचीन जैन धर्म के इतिहास व ग्रंथो को बारीकी से रेखांकित कर अविस्मरणीय कार्य किया है।
Source :