खुले नाले में गिरने से हुई थी मासूम की मौत
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18 Nov 17
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जोधपुर /अपरसेशन न्यायाधीश संख्या छह बन्नालाल जाट ने दो वर्षीय मासूम की मौत के लिए रीको को जिम्मेदार मानते हुए पांच लाख 60 हजार रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता अशोक चौधरी ने परिवाद दायर कर कोर्ट को बताया, कि प्रेमकंवर उसके पति की शादी के तेरह साल बाद घर में पुत्र का जन्म हुआ था। उनका बेटा जब दो साल का था, इस दौरान 12 मार्च 2011 को केके कॉलोनी में बने रीको के नाले में गिर गया था। रीको के नाले में गिरने से मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। इस नाले में फैक्ट्रियों से निकलने वाला अपशिष्ट पानी बहता है, जिसकी वजह से उसके बेटे की मौत हो गई।
रीको के विरुद्ध दायर परिवाद में बताया, कि यदि रीको नाले पर फैंसिंग करता या नाला कवर करवाता तो उसके बेटे की जिंदगी बच सकती थी। हालांकि रीको की ओर से कहा गया, कि उसकी कोई गलती नहीं है। दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि खुला नाला जानलेवा होता है, जिसकी वजह से मासूम की जिंदगी चली गई और माता-पिता के लिए उनके घर का चिराग चला गया। कोर्ट ने रीको को लापरवाही का दोषी मानते हुए उसे 5 लाख 60 हजार रुपए का हर्जाना पीड़ित परिवार को अदा करने के आदेश दिए हैं।
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