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जोधपुर कपडा व्यापारियों ने रखे प्रतिष्ठान बंद, विरोध- प्रदर्शन और धरने का आयोजन

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28 Jun 17
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देवीसिंह बडगूजर जोधपुर। आजादी के बाद भारत में कपडे पर सरकारी टेक्स, एच.एस.एन. कोड, 37 रिर्टन, क्रिमिनल धारा 122 इत्यादि अनेकानेक नियमों में कपडा व्यापारियों को बांधकर 1 जुलाई से कपडे पर पहली बार लगाये जाने वाले कर के विरोध में सम्पूर्ण भारत वर्ष के साथ ही जोधपुर के समस्त कपडा व्यवसायी 27 जून से तीन दिनों के लिए अपना सम्पूर्ण व्यवसाय बंद कर विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया ह।
जोधपुर वस्त्र व्यापार संघ के तत्वावधान में मंगलवार सुबह 11 बजे मेहता मार्केट प्रांगण में समस्त कपडा व्यवसायी एकत्रित हुए और तय रणनीति के तहत रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रर कार्यालय पहुंचे। कलेक्ट्रर को राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के नाम अपने व्यवसाय पर लगाये करों का विरोध जताते हुए ज्ञापन सौप।
कपडा व्यवसाइयों पर थोपे जाने वाले करों के विरोध में 28 - 29 जून प्रातः 11 बजे से सांय 5 बजे तक जिलाधीश कार्यालय के सामने स्थित भगवान महावीर उद्यान में धरना देकर प्रदर्शन करेंगे। कपडे के थोक, फुटकर एवं आस पास की सभी कपडा मंडियों इन तीन दिनों तक पूर्ण रूप से अपना कपडे का कारोबार बंद रखेगे। कपडे पर प्रथम बार लगने वाले इस कर का विरोध कर रह ह।
व्यापारिक संगठनों द्वारा बंद का समर्थन
देवीसिंह बडगूजर जोधपुर। केन्द्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू हो रही जीएसआी से समस्त लघु उद्योग एवं व्यपार क्षेत्र में भय एवं आशंकाओं का माहौल है। नोटबंदी एवं अंतरराष्ट्रीय मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापार क्षेत्र में ऐसे समय में जीएसटी लगना अत्यंत ही भयावह है।
राजस्थान लघु उद्योग निगम के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार ने बयान जारी कर कपडा उद्योग एवं खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा प्रस्तावित बंद का समर्थन करते हुए केन्द्र सरकार से मांग की कि जब तक प्रस्तावित नियमों में सरलीकरण नहीं हो तथा ई बिल वास्ते सभी जगह पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था नहीं हो तब -तक बाध्यता हटाई जानी चाहिए। परिहार ने कहा कि खनन क्षेत्र जो कि पहाडो, जंगलों एवं दूर दराज के क्षेत्रों में होता है तथा वहां पर राज्य के लगभग 5॰ हजार से ज्यादा खनन पटट्ाधारी है जिसमें लाखों की संख्या में लोग रोजगार पर लगे हुए है, वे असंमजस्य की स्थिति में आये हुये है। इन क्षेत्रों में न तो ई-बिल बनाने की व्यवस्था है तथा इन खनिजों का वास्तविक वजन धर्मकांटों पर तुलने के बाद ही निकल सकता है, ऐसे में सही वजन नहीं होने पर औसत आधार अथवा वर्गमीटर नाप के आधार पर अनुमानित वजन ही मिल पायेगा व गांवों में ऐसी स्थिति में जहां पर नेटवर्क ही पूरी तरह से नहीं होने से बहुत दुविधा होगी।
परिहार ने कहा कि सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों में विसंगत कर दरों से व मण्डी टेक्स जैसी व्यवस्था लागू रखने से व्यवहारियों को बहुत परेशानी होगी व ई-बिल बनाना भी कठिन होगा। आजादी के बाद कपडा उद्योग पर अलग -अलग श्रेणी में वर्गीकृत कर विभिन्न दर स्थापित करना विसंगतियां फैलाता है। इससे व्यापारियों द्वारा बंद एवं हडताल का फैसला लिया गया है। व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए बंद के समर्थन की अपील करता हूं।

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