विभाजनकारी ताकतें भारत की छवि को नुकसान पहुँचा रही हैंः राहुल
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22 Sep 17
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न्यूयॉर्क। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि भारत की छवि एक शांतिपूर्ण एवं सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र की है और देश को बांटने वाली ताकतें उसकी इसी छवि को बर्बाद कर रही हैं। राहुल गांधी (47) दो सप्ताह के लिये अमेरिका यात्रा पर थे और अपनी इस यात्रा का समापन उन्होंने ऐतिहासिक ‘टाइम्स स्क्वायर’ के निकट होटल बॉल रूम में करीब 2,000 समर्थकों को संबोधित कर किया। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अमेरिका में थिंक टैंक, छात्रों, नेताओं और शिक्षाविदों से भारत को लेकर अपने दृष्टिकोण पर चर्चा की।
प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुये राहुल ने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा दुनिया को दिखाया है कि कैसे सौहार्द्रपूर्ण तरीके से रहा जाये। हजारों वर्ष से भारत की प्रतिष्ठा शांति एवं सौहार्द्र की रही है। इसे चुनौती दी जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में ऐसी ताकतें हैं जो इसे बांट रही हैं। यह देश के लिये बेहद खतरनाक है तथा विदेशों में हमारी प्रतिष्ठा को बर्बाद कर रही हैं।’’
राहुल ने जोर देकर कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है और लोग भारत की ओर उम्मीद से देख रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हिंसा से ग्रस्त दुनिया में कई देश भारत की ओर उम्मीद से देख रहे हैं और वे कह रहे हैं कि 21वीं सदी का जवाब भारत के पास हो सकता है। संभवत: 21वीं सदी में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का जवाब भारत के पास हो सकता है। इसलिए हम अपनी बेहद बहुमूल्य संपत्ति को खो नहीं सकते।’’ उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी संपत्ति इसकी 1.3 अरब जनता है जो खुशी-खुशी, अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए शांतिपूर्ण ढंग से रहती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘और इसके लिये दुनिया हमारा सम्मान भी करती है। भारत एक ऐसा देश है जो उसके सभी लोगों का है।’’
यात्रा के बारे में अपने अनुभव साझा करते हुए राहुल ने कहा कि अमेरिका में जिन लोगों से उन्होंने मुलाकात की उनमें अधिकतर ने उनसे यही पूछा, ‘‘सहिष्णुता का क्या हुआ जिसके लिये भारत को जाना जाता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं कि मैं बेहद चकित था, क्योंकि मैं क्या सोच रहा हूं, मैं किस बात पर चिंतित हूं, इस बारे में मैं उन्हें बता सकता इससे पहले ही उन्होंने सारी बातें हू-ब-हू कह दीं।’’
राहुल ने कहा, ‘‘भारत में हर विषय पर हमने चर्चा की। भारत में विभाजनकारी राजनीति चल रही है। लेकिन जिस वास्तविक चुनौती का भारत सामना कर रहा है वह है 30,000 युवाओं में 450 को ही नौकरी मिलना। आप कल्पना कर सकते हैं कि जो प्रक्रिया चल रही है, इसका नतीजा क्या होगा।’’
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