वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के कैसिनी अंतरिक्षयान ने शनि के वायुमंडल में गोता लगाकर अपना 20 साल लंबा सफर पूरा किया। शनि के वायुमंडल में दाखिल होते कैसिनी ने अपने छल्लों के लिए मशहूर ग्रह और इसके चांदों की ऐसी तस्वीरें भेजी जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया।
वैज्ञानिकों ने शनि की कक्षा में स्थापित होने वाले पहले अंतरिक्ष यान कैसिनी को जानबूझकर गैसों के घेरे में गोता लगाने भेजा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शनि के चांद, खासकर एनसेलाडस, भविष्य के अन्वेषण के लिए मौलिक बने रहे। ‘नासा’ ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारा अंतरिक्ष यान शनि के वायुमंडल में प्रवेश कर गया है और हमें इसक अंतिम ट्रांसमिशन प्राप्त हुआ है।’’
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘जब भी हम रात के वक्त आसमान में शनि को देखेंगे, हम याद करेंगे। हम मुस्कुराएंगे। और हम वापस जाना चाहेंगे।’’ करीब चार अरब अमेरिकी डॉलर के मिशन के फाइनल का यह अंतिम गोता था। गोते लगाने का यह सिलसिला बीते अप्रैल में शुरू हुआ था। शनि और इसके छल्लों के बीच से ये गोते लगाए जा रहे थे ।
‘नासा’ ने कहा कि कोई भी अंतरिक्ष यान इससे पहले शनि ग्रह के इतने करीब नहीं गया था। कैसिनी मिशन से वैज्ञानिकों को शनि की अभूतपूर्व तस्वीरें प्राप्त हुई थीं। कैसिनी के मिशन प्रबंधक अर्ल मेज ने भारतीय समयानुसार शाम 5:25 बजे मिशन के अंत की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आप सभी को इस गजब की उपलब्धि पर गर्व है। आप सभी को बधाई। यह एक अतुलनीय मिशन, अतुलनीय अंतरिक्ष यान रहा है और आप एक अतुलनीय टीम रहे हैं।’’
इस मिशन ने शनि के वायुमंडल में एक उल्कापिंड की तरह जलने से पहले तक पृथ्वी तक डेटा भेजना जारी रखा। ‘नासा’, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और इटली की अंतरिक्ष एजेंसी एजेंजिया स्पेजियेल इतालियाना (एएसआई) के संयुक्त प्रयास से कैसिनी को 1997 में शनि के अध्ययन के लिए प्रक्षेपित किया गया था।
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