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मतदान से ठीक पहले उत्तर कोरिया को लेकर नरम पड़ा अमेरिका

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12 Sep 17
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उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े प्रतिबंधों की वकालत करने वाले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नए प्रतिबंध प्रस्ताव पेश किया है उसमें अपनी मांगों को कुछ नरम किया है।
राजनयिकों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में मतदान से महज 24 घंटे पहले चीन और रूस को अपने साथ लाने के लिए अमेरिका ने अपना रुख बदला है। उत्तर कोरिया द्वारा इस माह परमाणु परीक्षण के बाद उसे दंडित करने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मुहिम का नेतृत्व कर रहा है।

राजनयिकों ने कहा कि नये प्रस्ताव में परिसंपत्तियों को जब्त करने संबंधी बिंदु को हटा दिया गया हैै और अब दिखाई दे रहा है कि इसमें तेल को लेकर सख्ती रखी गई है। नये प्रस्ताव में उत्तर कोरिया के अन्य देशों में काम करने संबंधी प्रतिबंधों को भी नरम किया गया है। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संदिग्ध कार्गो ले जाने पर जहाजों की जांच पर भी नरम रुख अपनाया गया है।

अमेरिका, चीन और रूस के साथ स्थायी सुरक्षा परिषद के सदस्य ब्रिटेन और फ्रांस ने भी वाशिंगटन को अपना स्पष्ट समर्थन दिया है। इस नरम रुख के पीछे सबसे बड़ा कारण उत्तर कोरिया के दो समर्थक देश रूस और चीन हैं जो क्षेत्र में किसी भी तबाही और शरणार्थियों के पलायन को लेकर चिंतित हैं।
राजनयिकों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में मतदान से महज 24 घंटे पहले चीन और रूस को अपने साथ लाने के लिए अमेरिका ने अपना रुख बदला है। उत्तर कोरिया द्वारा इस माह परमाणु परीक्षण के बाद उसे दंडित करने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मुहिम का नेतृत्व कर रहा है।

राजनयिकों ने कहा कि नये प्रस्ताव में परिसंपत्तियों को जब्त करने संबंधी बिंदु को हटा दिया गया हैै और अब दिखाई दे रहा है कि इसमें तेल को लेकर सख्ती रखी गई है। नये प्रस्ताव में उत्तर कोरिया के अन्य देशों में काम करने संबंधी प्रतिबंधों को भी नरम किया गया है। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संदिग्ध कार्गो ले जाने पर जहाजों की जांच पर भी नरम रुख अपनाया गया है।

अमेरिका, चीन और रूस के साथ स्थायी सुरक्षा परिषद के सदस्य ब्रिटेन और फ्रांस ने भी वाशिंगटन को अपना स्पष्ट समर्थन दिया है। इस नरम रुख के पीछे सबसे बड़ा कारण उत्तर कोरिया के दो समर्थक देश रूस और चीन हैं जो क्षेत्र में किसी भी तबाही और शरणार्थियों के पलायन को लेकर चिंतित हैं।
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