संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने मानवाधिकार परिषद से बाहर जाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए इस परिषद को सुयंक्त राष्ट्र की ‘‘सबसे बड़ी असफलता’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संगठन दुनिया के सबसे अमानवीय शासनों को संरक्षण दे रहा है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से पिछले महीने स्वयं को अलग करते हुए उसे एक पाखंडी संस्था बताया था। उसने आरोप लगाया था कि परिषद गलत करने वाले देशों के प्रति तो चुप्पी साधे हुए है, जबकि गलती नहीं करने वालों को नसीहत दे रहा है और अमेरिका ऐसे पाखंडी संगठन से नसीहतें नहीं लेगा। अमेरिका के इस फैसले से पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक अधिकारी ने मैक्सिको से आने वाले आव्रजक परिवारों से उनके बच्चों को छीनने की ट्रंप प्रशासन की नीति की आलोचना की थी।
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