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पुरुष गर्भनिरोधक अनुसंधानकर्ताओं ने किया ईजाद करने का दावा

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27 Dec 17
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लंदन। वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक पुरु ष गर्भनिरोधक जेल विकसित करने का दावा किया है। इसका ट्रायल वे अप्रैल 2018 में शुरू करेंगे। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अगर यह ट्रायल सफल हो भी जाता है तब भी इस पुरु ष गर्भनिरोधक जेल को मार्केट में आने और पब्लिक तक पहुंचने में और कई साल लग सकते हैं। फिलहाल पुरु षों के लिए गर्भनिरोधक के नाम पर सिर्फ कॉन्डम और नसबंदी की सुविधा ही उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि ट्रायल में शामिल पुरु षों को जेल की एक पंप बॉटल दी जाएगी जिसमें से पुरु षों को आधा चम्मच जेल अपने कंधे और बाजू के ऊपरी हिस्से पर हर दिन करीब चार महीने के लिए लगाना होगा। जेल के सक्रिय केमिकल्स में नेस्टेरॉन नाम का प्रोजेस्टिन और टेस्टोस्टेरॉन का सिंथेटिक फॉर्म शामिल है। स्पर्म सेल्स बनाने के लिए शरीर को टेस्टोस्टेरॉन की जरूरत होती है जबकि प्रोजेस्टिन, वीर्यकोष को टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन करने से रोक देता है। अप्रैल 2018 में जो लेटेस्ट ट्रायल होगा वह साल 2012 में हुए एक्सपेरिमेंट का अनुसरण करेगा जिसमें यह बात साबित हो गई थी कि यह जेल 90 प्रतिशत पुरु षों में स्पर्म के संकेदण्रया जमाव को कम कर देता है। इस अनुसंधान की मुख्य अनुसंधानकर्ता स्टेफनी पेज कहती हैं, मैं इस बात को लेकर आास्त हूं कि अगर पुरु ष इस जेल का इस्तेमाल हर दिन करें और सही तरीके से इसे लगाएं तो यह पूरी तरह से असरदार होगा। जेल लगाने के बाद करीब 72 घंटों तक पुरु षों के स्पर्म उत्पादन में गिरावट आ जाएगी। ट्रायल के शुरुआती 4 महीने तक फीमेल पार्टनर्स को महिला गर्भनिरोधक लेने के लिए कहा जाएगा जबकि पुरु षों के स्पर्म लेवल में कितनी गिरावट हो रही है इसकी निगरानी की जाएगी।

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