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नाटक एवं प्रदर्शनी से जागृत हुई सांगा की कहानी

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09 Apr 18
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नाटक एवं प्रदर्शनी से जागृत हुई सांगा की कहानी उदयपुर, हिन्दुस्तान के इतिहास में उदार, कृतज्ञ, बुद्धिमान, वीर एवं न्यायपरायण योद्धा महाराणा संग्राम सिंह प्रथम (राणा सांगा) की 536वीं जयंती पर सोमवार को यहां सिटी पैलेस में पर्यटकों तथा स्कूली विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि सिटी पैलेस के जनाना महल में रखी गई महाराणा सांगा की आदमकद प्रतिमा का माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी को सभी ने सराहा। कार्यक्रम में महाराणा सांगा के जीवन की चुनिंदा प्रेरक घटनाओं को एक कथा कथन के रूप में पहली बार व्यक्त करने का प्रयास किया गया। कथा को रोचक बनाने के लिए नाट्यशाला के सारे नौ रसों को बडे करीने से मार्तण्ड फाउण्डेशन के विलास जानवे ने पिरो कर आलेख के रूप में लिखा और निर्देशित कर प्रत्येक दृश्य को प्रभावी बनाया। उन्होंने ‘गौरव गाथा राणा सांगा की’ में सांगा के जन्म एवं वंश परिचय, सांगा एवं उनके भाई के रिश्ते, कुंवर संग्राम सिंह का अज्ञातवास, राज्यारोहण, दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी से लडाई, गुजरात के सुल्तान का मेवाड पर आक्रमण, महाराणा सांगा एवं बाबर की लडाई से लेकर महाराणा सांगा के स्वर्गवास तक की कथा बताई।
युवा रंगकर्मी मनीश शर्मा ने आलेख वाचन और अभिनय के द्वारा एक-एक दृश्य को दर्शकों के सामने खडा कर दिया। मनीश शर्मा की अभिनय प्रतिभा ने दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। समर्थ जानवे के योग्य संगीत और गायन ने इस नाटक को नई ऊंचाईयां दी। पार्श्व मंच पर रेखा सिसोदिया, शुभम शर्मा, भुवन शर्मा और अब्दुल मुबीन खान ने नाटक को रूचिकर बनाने में सहयोग दिया। कार्यक्रम में फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड एवं उनकी पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड भी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त यहां आने वाले पर्यटकों को महाराणा सांगा पर बनाई विशेष पिन, ब्रॉशर और प्रसाद का वितरण भी किया गया।

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