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सरकार धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार: राजनाथ

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29 Apr 15
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सरकार धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार: राजनाथ घरवापसी और चर्च पर हमलों जैसे मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार ने आज अपना रिकॉर्ड स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत अकेला ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यक धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की मांग नहीं करते हैं और न जो आबादी के स्वरूप में बदलाव को लेकर चिंतित होता है। सरकार ने साथ ही कहा कि अगर संसद चाहे तो वह धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि हम अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम पूरी ताकत से उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे क्योंकि वे भी भारत के नागरिक है और संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है।

लोकसभा में गृह मंत्रालय की वर्ष 2015. 16 के लिए अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने ‘‘रामजादा-हरामजादा’’ जैसी साम्प्रदायिक टिप्पणियां करने को गलत बताया और साम्प्रदायिक सौहार्द के माहौल को खराब करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। सदन ने बाद में मंत्रालय की अनुदान मांगों को अपनी मंजूरी दे दी। सिंह ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां सभी धर्मो के लोग एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं और सभी धर्मो के लोग फलफूल रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं सांसदों से आग्रह करूंगा कि अन्य सभी विषय पर राजनीति करें लेकिन देश की एकता और अखंडता के विषय को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर राजनीति न करें।’’ कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के बारे में सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए राजनाथ ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ति मोहम्मद सईद से बात हुई है और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए पहली किश्त के रूप में 50 एकड़ जमीन देने का वादा किया है। अलगावादियों के खिलाफ नरेन्द्र मोदी सरकार के नरम रुख अपनाने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आपने देखा कि उसे (मसर्रत आलम) जेल में डाल दिया गया है।

गृह मंत्री ने कहा, "भारत दुनिया में पहला देश है जो आबादी के स्वरूप में बदलाव आ जाएगा, इसकी भी चिंता नहीं करता है जबकि अन्य देश ऐसे बदलाव नहीं होने देते हैं।’’ धर्मांतरण विरोधी विधेयक मामले को एक बार फिर आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया के देशों में अल्पसंख्यक धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की मांग करते हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। धर्मांतरण और घरवापसी के बारे में हमसे सवाल किये जाते हैं। मैं कहना चाहूंगा कि एक बार पूरा सदन फैसला कर ले, हम धर्मांतरण विरोधी विधेयक पास कराने को तैयार हैं।’’ चर्च पर हमलों के बारे में विपक्षी सदस्यों की चिंताओं पर राजनाथ ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है। राज्यों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र कैसे हस्तक्षेप कर सकता है ?

राजनाथ ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर हमलों को लेकर हम पर आरोप लगाये जाते हैं। लेकिन अभी ही धार्मिक स्थलों पर हमले हुए हों, ऐसी बात नहीं है, ऐसी घटनाएँ पहले से हो रही हैं। इनमें से कई घटनाएँ चोरी और तोड़ फोड़ की हैं लेकिन हमारे समय की घटनाओं को जरूरत से ज्याद तूल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पर राजनीतिक कारणों से आक्षेप लगाये जाते हैं और अगर वह आंकड़ों का उल्लेख करें तब यह स्पष्ट हो जायेगा लेकिन वह ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इससे कई लोग आहत होंगे और अनावश्यक ‘‘बवाल’’ होगा। धार्मिक स्थलों पर तोड़ फोड़ और अन्य साम्प्रदायिक घटनाओं के बारे में उन्होंने कहा, "अगर यह दिल्ली में होता है तब मैं कड़ी कार्रवाई करूंगा लेकिन राज्यों में प्रदेश की सरकारों को कार्रवाई करनी होगी।’’ आतंकी संगठन आईएसआईएस के प्रभाव के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि भारत इस मामले में सौभाग्यशाली है
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