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कामयाबी मेहनत से मिलती है, सपना देखकर नहीं – मेहमूद अली

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27 Sep 16
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कामयाबी मेहनत से मिलती है, सपना देखकर नहीं – मेहमूद अली मेहमूद अली एक लेखक, फिल्म वितरक के साथ ही साथ निर्माता भी हैं, फिल्मी संसार में एक जाना-माना नाम जिनका काम और नाम ही काफी है. फिल्म सोल (आत्म) के जरिये फिल्म निर्देशन में भी उतर चुके हैं. इनकी पेन एन कैमरा इन्टरनेशनल कम्पनी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में बड़ी कम्पनियों में शामिल है. कई मुश्किलों और मिन्नतों के बाद उन्होंने अपना समय दिया अपने साक्षात्कार के लिए. पिछले दिनों इनसे छोटी सी एक मुलाकात हुई जिनमें कई बातें हुई, पेश हैं कुछ बातें…
कामयाबी मेहनत से मिलती है, सपना देखकर नहीं – मेहमूद अली

मेहमूद अली एक लेखक, फिल्म वितरक के साथ ही साथ निर्माता भी हैं, फिल्मी संसार में एक जाना-माना नाम जिनका काम और नाम ही काफी है. फिल्म सोल (आत्म) के जरिये फिल्म निर्देशन में भी उतर चुके हैं. इनकी पेन एन कैमरा इन्टरनेशनल कम्पनी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में बड़ी कम्पनियों में शामिल है. कई मुश्किलों और मिन्नतों के बाद उन्होंने अपना समय दिया अपने साक्षात्कार के लिए. पिछले दिनों इनसे छोटी सी एक मुलाकात हुई जिनमें कई बातें हुई, पेश हैं कुछ बातें…

लेखक - निर्माता - निर्देशक और वितरक मेहमूद अली
लेखक – निर्माता – निर्देशक और वितरक मेहमूद अली

लेखक – मेहमूद जी, कहाँ हो आप आजकल ?
मेहमूद अली – बिहाईंड सोल, यू नो दिस इज़ माई ड्रीम प्रोजेक्ट.

लेखक – सोल काफी चर्चा में हैं, कब रिलीज़ हो रही है ?
मेहमूद अली – वर्क इन प्रोग्रेस, अक्टुबर आई अनॉउस रिलीज़ डेट. जब फिल्म का काम पूरा हो जायेगा.

लेखक – फिल्म वितरण के क्षेत्र में पेन एण्ड कैमरा का काफी नाम था, क्या हुआ ? क्या यह काम आपने बन्द कर दिया ?
मेहमूद अली – 2014 तक पेन एण्ड कैमरा के जरिए 190 फिल्मों तक वितरण किया गया. थोड़ा सा ब्रेकअप ले लिया है. यह समझे कि मैं जिन्दगी जीना चाहता था.

लेखक – अब आपकी क्या योजना है ?
मेहमूद अली – पेन एण्ड कैमरा को टॉप पर देखना.

लेखक – मार्केट में आपको लेकर काफी बातें हो रही है. सच्चाई क्या है ?
मेहमूद अली – बस ये समझे, नींद में था. मीठा सपना देख रहा था, अब नींद से जागा, हकीकत में आकप अहसास हुआ. कामयाबी मेहनत से मिलती है, सपना देखकर नहीं.

लेखक – फिल्म निर्माण और फिल्म वितरण में आपको क्या अच्छा लगता है ?
मेहमूद अली – फिल्म निर्माण, ये एक बच्चे को जन्म देने जैसा है, वितरण किसी और के बच्चे को पालने जैसा है, पर मैं दोंनो पसन्द करता हूँ.

लेखक – क्या मेहमूद अली को वापसी करते देखेंगे ?
मेहमूद अली – हाँ, अब सिर्फ एक मकसद लोगो को अपने काम से दूँ.
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