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माता-पिता से बातें छुपाना छोड़ दें बेटियां

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26 Jun 17
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डूंगरपुर/ बालिकाओं को संस्कार और परिवार में मेलजोल का पाठ सिखाने के लिए दो दिवसीय युवती सक्षमीकरण सेमिनार रविवार से आदर्श नगर में बॉस्टन स्कूल परिसर में शुरू हो गया। इसमें जैन समाज की जिलेभर से 85 बेटियांं भाग ले रही है।
बालिकाओं को संस्कार, परिवार शब्द की महत्ता को समझा रही है राजकोट से आई ट्रेनर अस्मिता देसाई। उन्होंने कहा कि 15 साल की उम्र के बाद ही लड़कियां भटकने लग जाती है। इसका मतलब है कि बेटियां घर के बाहर होने वाली घटना या उनके दोस्तों की पूरी जानकारी उनके माता-पिता को नहीं देती और समय-समय पर झूठ बोलने लग जाती है। ऐसे वक्त में उन बेटियोंं के लिए माता-पिता को उनका दोस्त, हमदर्द बनकर सामने आना चाहिए। बेटियों को भी चाहिए कि वे अपने माता-पिता से किसी भी बात को नहीं छुपाएं और खासकर मां से तो हर बात खुलकर कहें, ताकि उनकी समस्या का समाधान कर सकें।
देसाई ने बालिकाओं से सबसे पहले परिवार के महत्व को समझाया और कहा कि परिवार में सबसे पहले माता-पिता है जिन्होंने जन्म से लेकर उन्हें वह सब कुछ दिया जो उन्हें चाहिए। पढ़ाया-लिखाया और जब समझदारी की बात आती है तब बेटिया झूठ बोलने लगती है तो माता-पिता को बहुत दर्द होता है। बेटियो को चाहिए कि वे परिवार में अपना अच्छा बर्ताव करें। माता-पिता के प्रति भी उनका व्यवहार बेहतर बने।
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