डूंगरपुर | अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रदेशभर में ख्यातनाम सागवाड़ा कस्बे में पवागड़ में पहली बार दुर्लभ स्पोट स्वोर्डटेल तितली देखी गई। इस तितली की पहचान सागवाड़ा कस्बे के पक्षीप्रेमी और तितलियों पर शोधरत मुकेश पंवार द्वारा की गई है।
पंवार ने बताया कि डूंगरपुर जिले के आमतौर पर 80 प्रजातियों की तितलियां पाई जाती है परंतु यह तितली इस क्षेत्र के लिए दुर्लभ है। यह तितली सागवाड़ा के गामोठवाडा स्थित रामचन्द्र जोशी के निवास पर देखी गई जिसका फोटो इलेश शर्मा द्वारा लिया गया।
उन्होंने बताया कि यह तितली फूलवारी की नाल वन क्षेत्र (उदयपुर) में देखी जाती है। वहां पर इनके उपयुक्त आवास, भोजन की उपलब्धता तथा इनके लार्वा के भोजन के रूप में मिलीउरता टोमेन्टोसा नाम के वृक्ष पाये जाते है। ये वृक्ष यहां नहीं हैं तथापि इसका यहां देखा जाना क्षेत्र के लिए खुशी की बात है।
यह विशेषता है इस तितली की:
पंवार ने बताया कि यह तितली सामान्यतः फरवरी व मार्च से जून व जुलाई तक उनके मूल आवास क्षेत्र में देखा जाता है। इसके बाद इनके प्यूपा सुषुप्तावस्था में चले जाते है और अगली पीढ़ी का जन्म पुनःः अनुकूल उष्ण ऋतु आने पर होता है।
उन्होंने बताया कि इस तितली का सागवाड़ा में देखा जाना इसके प्रवास की प्रवृत्ति को दर्शाता है। संभवत अन्य अनुकूल आवास क्षेत्र की खोज में अनायास यह तितली थोडा आराम करने रूकी होगी। उन्होंने बताया कि कई अन्य तितली प्रजातियों में भी ऋतु अनुसार प्रवास की प्रवृत्ति देखी गई है।
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