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...उन्हें अब हो रहा है कुण्डलीवाला एनीकट की उपयोगिता का अहसास

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25 Jul 16
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...उन्हें अब हो रहा है कुण्डलीवाला एनीकट की उपयोगिता का अहसास डूंगरपुर, गांवों को जल स्वावलंबी बनाने की प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की मुहिम के तहत मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में एक ओर जहां नवीन जलसंरचानाओं के निर्माण से जलभण्डारों का निर्माण किया है वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में निर्मित जल संरचानाओं के सुदृढ़ीकरण कार्यों ने भी अपूर्व राहत प्रदान की है। इस प्रकार के कार्यों से सरकारी धन से बनी जलसंरचनाओं की उपयोगिता सुनिश्चित हुई है वहीं जल संरक्षण का पुण्यकार्य भी पूर्ण हो सका है। डूंगरपुर जिले में भी सैकड़ों की संख्या में ऐसे कार्य है जिनके सुदृढ़ीकरण के बाद अब उनमें पानी ठहरने लगा है और लोगों को सरकार द्वारा जल संरक्षण की दृष्टि से कराए गए कार्य की उपयोगिता का अहसास होने लगा है। एक ऐसा ही कार्य है कुण्डलीवाला एनीकट सुदृढ़ीकरण कार्य।
जिले की डूंगरपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बटकाफला में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत कुल स्वीकृत किए गए 45 कार्यों में इस सामुदायिक हित के कार्य की स्वीकृति जारी की गई थी। पूर्व में गांव में शिवश्रद्धाधाम और मोक्षधाम के पास पानी की उपलब्धता बनाए रखने की दृष्टि से बनाए गए कुण्डलीवाला एनीकट में एक बूंद पानी भी ठहर नहीं पाता था और सारा पानी एनीकट से रिसाव होकर एनीकट के बाहर गड्डे में एकत्र हो जाता था। हजारों लीटर पानी के व्यर्थ बहकर चले जाने और नाममात्र के किचड़ भरे पानी के एनीकट के बाहर जमा होने की स्थिति को देखकर यहां के ग्रामीण भी बड़े दुःखी रहते थे। दर्शन करने के लिए शिव मंदिर और अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम पर आने वाले ग्रामीण इस एनीकट को देखकर सरकारी कारिंदों को कोसते रहते थे। इन स्थितियों में ग्राम पंचायत द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत इस एनीकट के सुदृढ़ीकरण का कार्य हाथ में लिया गया और 6 लाख 81 हजार 764 रुपये व्यय करते हुए एनीकट के रिसाव को दूर किया गया और दूसरी तरफ इसकी डिसिल्टिंग का कार्य करते हुए जलभराव क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई। कार्य पूर्ण होने पर पहली बारिश में ही यह एनीकट अब लबालब हो चुका है और एनीकट के दोनों छोरों पर भरे पानी को देखकर यहां के ग्रामीण भी बड़े खुश नज़र आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पास में स्थिति शिव मंदिर और मोक्षधाम पर आने वाले लोगों की जरूरतों के लिए यह पानी सुलभ होगा वहंी बारहों मास इसमें पानी भरा रहने से पशुओं के पेयजल की सुविधा भी मिलेगी व आसपास का भूमि जलस्तर भी बढ़ेगा।
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