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बच्चों में वाल्व सर्जरी से लेकर टेढ़े-मेढ़े हाथ-पैर होंगे सीधे

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27 Jul 15
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डूंगरपुर, हार्टवाल्व की खराबी, टेढ़े-मेढ़े हाथ-पैर से चलने-फिरने में दिक्कत या दूसरी किसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को अब नया जीवन मिल सकेगा। ऐसे बच्चों का चिकित्सा विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में इलाज करवाया जाएगा। गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों की सर्जरी तक की जाएगी। जिससे बीमार बच्चे पूरी तरह ठीक होकर सामान्य जीवन जी पाएंगे। कार्यक्रम की शुरुआत 14 नवंबर, 2014 को हुई।
मार्च, 2015 तक चिकित्सा विभाग की 8 टीमों ने 4 महीने में 256 आंगनबाड़ी केंद्र और 312 स्कूलों में 58 हजार 930 बच्चों की स्क्रीनिंग की। इसमें 30 तरह की बीमारियों को देखा गया। सर्वे में 2141 बच्चे अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित मिले। गंभीर रूप से सर्जरी के लिए 25 बच्चे चिन्हित किए, जिनकी विभाग की ओर से सर्जरी करवाई जाएगी।
िजले के शिवपुरी निवासी अविनाश पुत्र फूलशंकर पाटीदार का दायां पैर टेढ़ा और मुड़ा होने से चलने-फिरने में अक्षम है। इससे पीड़ित को काफी परेशानी होती है। परिवार के लोगों को ही देखभाल करनी पड़ती है। विकलांग होने के कारण चलने-फिरने में परेशानी से अब छुटकारा मिल जाएगा। चिकित्सा विभाग की ओर से उसका भी उदयपुर में इलाज करवाया जा रहा है। इससे उसे लाभ मिलेगा और उनसा जीवन सुधर सकता है।
5 साल के लक्की की होगी वाल्व सर्जरी
देवलपाल निवासी लक्की (5) पुत्र रमेश की बीमारी का पता जन्म से लग गया, लेकिन परिवार उसका इलाज नहीं करवा पाया। आयुष डॉ. इनानी ने बताया कि बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में आंगनवाड़ी केंद्र पर लक्की को बीमार पाया। जिस पर उसका भी गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में इको टेस्ट हुआ। जहां वाल्व में खराबी सामने आई। उसका इलाज शुरू करते हुए अब 14 दिसंबर को गुजरात के सत्य सांई ट्रस्ट की ओर से सर्जरी की जाएगी।
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