कबीर के रंग में डूबी शाम-ए-बनारस
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11 Nov 17
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वाराणसी, काशी में गंगा तट पर सजी कतारबद्ध नावें शाम ए बनारस की पहचान मानी जाती हैं और आज जब दूसरे महिंद्रा कबीर उत्सव का यहां शुभारंभ हुआ तो पूरा शहर मानों कबीरमय हो गया।महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी ने सांस्कृतिक क्षेत्र में काम करने वाली टीमवर्क आर्ट्स के साथ िमलकर इस समारोह का आयोजन किया है।इसका मकसद संगीत और काव्य के माध्यम से लोगों के बीच कबीर के विचारों का संचार करना और बनारस की गलियों में रमे कबीर से रबर कराना है। उत्सव के उदृघाटन के मौके पर टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजोय रॉय ने कहा, महिंद्रा कबीर उत्सव कबीर के दृष्टिकोण का परम चित्रण है। साथ ही वाराणसी शहर के गहन सांस्कृतिक जीवन की कहानी भी है। उत्सव का यह संस्करण आकर्षक कार्यांमों के माध्यम से शहर से गहरा जुड़ाव अनुभव कराएगा जो कि उपस्थित दर्शकों के लिए यादगार होगा। आज शुभारंभ के बाद कल और परसों इस उत्सव में कबीर की काशी को जानने के कईं कार्यांम शामिल हैं। इसमें संगीत और काव्य के अलावा स्थानीय इतिहासकारों द्वारा तैयार विशेष रूप से निर्देशित सांस्कृतिक एवं खानपान चहलकदमी (हेरीटेज एंड फूड वॉक) का समावेश है।
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