गुजरात चुनाव के मायने
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23 Oct 17
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गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग कभी भी तारीखों का ऐलान कर सकता है। संभावना है कि चुनाव दिसम्बर में ही होंगे। लेकिन भाजपा और कांग्रेसी नेता अपनी पूरी तैयारी कर चुके हैं और इस चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भविष्य के साथ जोड़कर देख रहे हैं। भाजपा मान रही है कि यदि गुजरात चुनाव एक बार फिर भाजपा जीत जाती है तो 2019 तक भाजपा बुलंदियों पर रहेगी और कांग्रेस में मातम छाया रहेगा जबकि कांग्रेस मानती है कि यदि 2017 का गुजरात चुनाव भाजपा हार जाती है तो यह हार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार मानी जाएगी और 2019 का आम चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए उत्साहवर्धक रहेगा। कांग्रेस मानती है कि गुजरात मॉडल की सफलता को प्रचारित करके ही 2014 में भाजपा सत्ता में आई थी और यदि 2017 में भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव ही हार जाती है तो कांग्रेस को 2019 के आम चुनाव में यह दावा करने का अवसर मिल जाएगा कि भाजपा का 2014 का दावा ही छलावा था। यही कारण है कि राहुल गांधी दो बार गुजरात गए और व्यापक दौरा भी किया। दूसरी तरफ भाजपा नेताओं में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पता है कि गुजरात चुनाव पार्टी के भविष्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि एक महीने यानि अक्तूबर में ही तीसरी बार प्रधानमंत्री ने गुजरात का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने 7, 16 और 22 अक्तूबर को गुजरात प्रवास के दौरान कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का उद्घाटन किया। इसके पहले सितम्बर में 14 और 17 तारीख को प्रधानमंत्री ने विकास परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास के लिए गुजरात का दौरा किया। खबरों के मुताबिक 2017 में प्रधानमंत्री ने 10 बार गुजरात का दौरा किया।
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