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सच्चे ह्दय में होता है ईश्वर का वास

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19 Mar 18
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उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के बड़ी स्थित परिसर में अपनों से अपनी बात एवं दीनबन्धु वार्ता कार्यक्रम के अन्तिम दिन रविवार को संस्थान संस्थापक कैलाश मानव ने कहा कि भावुक वहीं होता जिसका मन साफ हो। जिसके मन में सभी के लिए पीड़ा और सम्मान हो। भावुक हृदय में ही ईश्वर का वास होता है।उन्होंने कहा कि हम ईश्वर को खोजने के लिए भले ही कितने भटक लें लेकिन ईश्वर का वास हमारे अंतर्मन में है। ईश्वर भावुक और सच्चे हृदय वाले भक्त के हृदय में निवास करता है। भावुक वहीं होता है जिसके मन में करुणा हो और करुणा हमें ईश्वर से मिलने का काम करती है। करुणा ही मनुष्य को इंसान बनाती है। उन्होने आगे कहा की अंतिम सांस तक किसी न किसी रूप में ईश्वर की स्मृति बनी रहनी चाहिए। हरि नाम कानों से सुनाई देता रहे यही जीवन की सार्थकता है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सत्संग चैनल पर हुआ।संचालन ओमपाल सीलन ने किया।


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