दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया के समाधान पेशेवर ने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से इंदौर की खाद्य तेल कंपनी के अधिग्रहण को लेकर अडाणी समूह की बोली प्रक्रिया में भाग लेने की पात्रता के संदर्भ में मांगे गये स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिये 8 से 10 दिन का समय मांगा है। पतंजलि समूह ने अडाणी विलमर को सर्वाधिक ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चयन के लिये अपनाये गये मानदंडों के बारे में भी समाधान पेशेवर (आरपी) से सूचना मांगा है। इसके अलावा सिरील अमरचंद मंगलदास को आरपी का कानूनी सलाहकार नियुक्त किये जाने को लेकर भी सवाल उठाये हैं क्योंकि यह विधि सेवा कंपनी पहले से अडाणी समूह को परामर्श दे रही है।
तेल, साबुन जैसे रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली बाबा रामदेव की कंपनी ने विधि कंपनी की नियुक्ति को लेकर तटस्थता तथा हितों के टकराव के सवाल उठाये हैं। फार्चुन ब्रांड से खाद्य तेल बनाने वाली अडाणी विलमार और बाबा रामदेव का पतंजलि समूह कर्ज में डूबी रुचि सोया के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार आरपी ने कर्जदाताओं की समिति को सूचित किया है कि वह पतंजलि को जवाब देने के लिये 8 से 10 दिन का समय लेगा। पतंजलि ने दिवाला एवं ऋण शोधन संहिता की धारा 29 ए के तहत अडाणी समूह की बोली प्रक्रिया में भाग लेने की पात्रता पर सवाल उठाये हैं। इस धारा के तहत अन्य शर्तों के अलावा समाधान आवेदनकर्ता या उसके प्रवर्तकों को पूर्व में चूक नहीं किया होना चाहिए। बोली में पतंजलि ने 5,700 करोड़ रुपये की बोली लगायी जबकि अडाणी विलमर ने 6,000 करोड़ रुपये की बोली लगायी।
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