नई दिल्ली , दूरसंचार कंपनियों ने मंगलवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई के साथ बैठक में अपनी समस्याएं उठाइर्ं। इनमें ऐप आधारित कांलिग, करों और ढांचागत विस्तार की परेशानियां शामिल हैं जिनसे उनका कारोबार ‘‘बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।’ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘कंपनियों के साथ हमारी बैठक काफी फलदायक रही। सभी कंपनियों की कुछ मुद्दों पर एकराय थी, जिन्हें इस साल ट्राई को देखना चाहिए। इनमें ओटीटी (ओवर द टाप) विचार-विमर्श, एक देश एक लाइसेंस, बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दे, जीएसटी के तहत करों को तर्कसंगत करना शामिल है। छह-सात मुद्दे हैं, जिन्हें कंपनियां चाहती हैं कि नियामक देखे।’ट्राई के चेयरमैन ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने ऐसी स्पेक्ट्रम नीति की मांग की जिसमें उद्योग को फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी के बारे में पहले से जानकारी हो। उन्होंने बताया कि आपरेटर अगले एकाध दिन में मुद्दों के बारे में ब्योरा देंगे जिसके बाद ट्राई इस बारे में रूपरेखा बना सकेगा। शर्मा ने कहा कि दूरसंचार आपरेटरों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी तथा अवांछित वाणिज्यिक कॉल्स पर भी विचार-विमर्श का आग्रह किया है। काल ड्राप के बारे में उन्होंने कहा कि हम इस महीने के अंत तक प्रदर्शन रिपोर्ट प्रकाशित करेंगे।
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