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पेट्रोल, डीजल के ऊंचे दाम पर सरकार फिक्रमंद

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24 Jan 18
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देश में पेट्रोल के दाम उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद सरकारी हलकों में इसपर चिंता जताई गई है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि कीमतों पर नियंतण्रकरने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की जाए। गौरतलब है कि मुंबई में पेट्रोलय के दाम 80 रपए प्रति लीटर से ऊपर निकल गए हैं जबकि मंगलवार को दिल्ली में भी इसकी कीमतें 72 रपए प्रति लीटर से ज्यादा हो गई हैं। भाजपा सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों का यह उच्चतम स्तर है।सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की ईंधन कीमत सूची के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढकर 72.38 रपए प्रति लीटर पहुंच गया। मार्च 2014 के बाद यह इसका सबसे ऊंचा स्तर है। दिसम्बर मध्य से कीमत में 3.31 रपए लीटर की वृद्धि हुई है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रपए के आंकडे को पार कर गई है। जबकि मुंबई में डीजल का भाव 67.30 रपए लीटर पर पहुंच गया है। इसका कारण स्थानीय बिक्री कर यानी वैट का अधिक होना है। तेल कंपनियों के अनुसार दिसम्बर- मध्य से डीजल में 4.86 रपए लीटर की वृद्धि हुई है।अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में दाम में तेजी को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से 2018-19 के केंद्रीय बजट में उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है। संसद में बजट अगले सप्ताह पेश किया जाएगा। पेट्रोलियम सचिव केडी त्रिपाठी ने कहा था कि मंत्रालय ने उद्योग से मिले सुझाव के आधार पर सिफारिशें विचार के लिये भेजीं हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा देने से मना कर दिया। केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 15.33 रपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लेती है। जबकि दिल्ली में पेट्रोल पर वैट करीब 15.39 रपए और डीजल पर 9.32 रपए है।दो प्रमुख मानक ब्रेंट और अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड मंगलवार को बढ़कर क्रमश: 69.41 डालर प्रति बैरल तथा 63.99 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गए। पिछले साल जून से पेट्रोल और डीजल की कीमत दैनिक आधार पर संशोधित की जा रही है। जहां पेट्रोल का दाम 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ा वहीं डीजल 19 पैसे महंगा हुआ।
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