वित्त मंत्रालय ने कहा है कि विमुद्रीकरण के बाद जाली मुद्रा का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता के वी थॉमस ने विमुद्रीकरण पर विचार के लिए वित्त मंत्रालय के सचिवों की बैठक की। इनमें राजस्व और आर्थिक कार्य सचिव भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष 9 नवंबर से 28 दिसंबर के बीच चार हजार एक सौ बहत्तर करोड रूपए की अघोषित आय का पता चला है। विमुद्रीकरण का उद्देश्य हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी और जासूसी रोकने के साथ-साथ काले धन को समाप्त करना था।
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