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टेलीकाम कंपनियों पर पड़ सकती है दोहरे कर की मार

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25 Jul 16
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नई दिल्ली । उद्योग जगत ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र की मूल्य वर्धित सेवाओं (वीएएस) पर लगने वाले कर को लेकर जीएसटी विधेयक के प्रावधानों में स्पष्टता होनी जरूरी है।एसोचैम और केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी से टेलीकाम क्षेत्र को चुनौतियों का समाना करना पड़ सकता है। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों को सेवाओं पर कर लगाने की शक्ति होगी। ऐसे में जीएसटी में देश में कारोबार करने को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए सभी प्रयासों को समर्थन मिलने के साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए सरल कर दौर शुरू होने की पेशकश होनी चाहिए।कुछ राज्यों में टेलीकाम कंपनियों की रिंगटोन जैसी मूल्य वर्धित सेवाओं को मनोरंजन मानते हुए इस पर मनोरंजन कर लगाने का प्रावधान है। जीएसटी के तहत इन पर सेवा कर पहले से ही लगेगा और अगर वीएएस पर अलग से मनोरंजन कर देना पड़ा तो दूरसंचार कंपनियों पर दो अलग-अलग करों की मार पड़ेगी।
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