नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में डिफ्लेशन (मुद्रा संकुचन) के आसार हैं और रिजर्व बैंक को ब्याज दर तय करने में इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि डिफ्लेशन के हालात पर सरकार की गहरी नजर है। सरकार के साथ साथ रिजर्व बैंक को भी इस पर नजर रखने की जरूरत है ताकि नीतिगत ब्याज दरों की समीक्षा के वक्त इस हिसाब से निर्णय लिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक आगामी 29 सितंबर को नीतिगत ब्याज दरों की समीक्षा करने वाला है और उस पर ब्याज दरों में कटौती का दवाब है ताकि अर्थव्यवस्था की विकास दर को तेज किया जा सके। जब उनसे पूछा गया कि 29 सितंबर से पहले भी रिजर्व बैंक दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है तो उनका जवाब था कि क्यों नहीं। उन्होंने विश्वास जताया कि रघुराम राजन सभी आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए अपने विवेक से फैसला लेंगे। इससे एक दिन पहले ही मुख्य आर्थिक सलाहकार अरिंवद सुब्रमणियन ने कहा था कि देश में डिफ्लेशन के हालात हैं।