काला धन जमा करने वालों को दस साल की कैद
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01 Mar 15
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नई दिल्ली । काले धन को काबू करने की अपनी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने वालों को सरकार ने कड़ा जवाब दिया है। सरकार ने बजट प्रावधानों में काले धन के खिलाफ सख्त कानून लाने का इरादा जताया है। सरकार ने आय और संपत्ति छिपाने और विदेश में जमा संपत्तियों पर टैक्स चोरी करने वालों को दस साल तक सश्रम कैद की सजा देने वाला कानून लाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही रियल एस्टेट और दूसरे कारोबारों में काला धन पैदा करने की प्रवृति पर लगाम लाने के लिए भी कड़े कदम उठाने का मन बनाया है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड को प्रोत्साहन देने की नीति को भी बढ़ावा मिलेगा। नए कानून के मुताबिक एक लाख रुपये से अधिक की खरीद और बिक्री के लिए पैन जरूरी होगा।
बेनामी संपत्ति की खरीद-बिक्री के जरिये पैदा काला धन पर काबू के लिए बेनामी लेनदेन (रोक) बिल लाया जाएगा। मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए संसद के मौजूदा सत्र में नया बिल लाया जाएगा। इस बिल में आय और संपत्ति छिपाने और टैक्स रिटर्न में विदेशी संपत्ति छिपाने पर दस साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान होगा। ये अपराध संगीन होंगे और इसके लिए दोषियों की आय और संपत्ति की मौजूदा दर से 300 फीसदी तक जुर्माना लगाया जाएगा। नए कानून में आयकर रिटर्न दाखिल न करने औैर अधूरी जानकारी दाखिल करने पर सात साल की सजा होगी। बैंकों, वित्तीय संस्थानों और व्यक्तियों के मामले में इस बिल के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) और मनी लांड्रिंग कानून 2002 में बदलाव भी किए जाएंगे। काले धन की स्वैच्छिक घोषणा के लिए छह महीने की मोहलत दी जा सकती है।
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